बंगाल की CM ममता बनर्जी ने चेताया, फिलहाल होटलों व रेस्तरां में नहीं खाएं मीट, जाने क्यों…
कोलकाताPublished: Jun 08, 2021 11:46:13 pm
पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान यास से बड़ी सख्या में जानवरों की भी मौत हुई है। ऐसे में मृत जानवरों के मांस (मीट) होटलों व रेस्तरां में बेचे जाने की आशंका जताई जा रही है…
बंगाल की CM ममता बनर्जी ने कहा, फिलहाल होटलों व रेस्तरां में नहीं खाएं मीट, जाने क्यों…
कोलकाता पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान यास से बड़ी सख्या में जानवरों की भी मौत हुई है। ऐसे में मृत जानवरों के मांस (मीट) होटलों व रेस्तरां में बेचे जाने की आशंका जताई जा रही है। राज्य में एक बार इस तरह का मामला सामने आ चुका है। इसे देखते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों को होटलों और रेस्तरां में मीट खाने को लेकर सतर्क किया है। साथ ही पुलिस अधिकारियों को अलर्ट किया निर्देश दिया है कि वे उन जगहों पर छापेमारी करें, जहां इस तरह के मांस को स्टोर किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे भी लोग हैं, जो मरे हुए जानवरों का मांस होटलों और रेस्तरां को बेच देते हैं। इसके बाद यही ग्राहकों को परोस दिया जाता है। पहले भी इस तरह के एक रैकेट का भंडाफोड़ हुआ था।
एक बैठक के दौरान ममता बनर्जी ने अधिकारियों से कहा कि ऐसी जगहों की छानबीन करिए, जहां इस तरह के मांस को स्टोर किया जा सकता है और बेचा जा सकता है। अगर ऐसा है तो तुरंत जब्त कर कार्रवाई करें। मरे हुए जानवर को दफना दें।
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इस कारण हुई है मौत
अधिकारियों ने बैठक में बताया है कि बड़ी संख्या में पशुओं और पोल्ट्री बड्र्स की यास चक्रवात के चलते मौत हुई है। भारी बारिश से राज्य के कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति देखने को मिली थी। इसकी वजह से बड़ी संख्या में पशुओं और पक्षियों की मौत हुई है। हालांकि राहत की बात यह है कि गत 16 मई से ही बंगाल में रेस्तरां व होटल बंद हैं। अभी पिछले सप्ताह ही राज्य सरकार ने तीन घंटे के लिए रेस्तरां को खोलने की सशर्त अनुमति दी है।
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2018 में रैकेट का पर्दाफाश
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में राज्य में मृत जानवरों का मांस बेचे जाने का मामला सामने आया था। बंगाल पुलिस ने कोलकाता के पास एक रैकेट का पर्दाफाश किया था, जो मरने के बाद डंपिंग ग्राउंड(भंगाड़) में फेंके गए जानवरों का मांस का धंधा करता था। जांच में यह बात सामने आई थी कि मरे हुए जानवरों के मांस में केमिकल डालकर प्रोसेस्ड किया जाता था। फिर उसे होटलों, रेस्तरां में बेचा जाता था। उस समय कई हजारों किलोग्राम इस तरह का मांस बरामद किया गया था।