किशोर के दिल की दुर्लभ सर्जरी कर डॉक्टरों ने बचाई जान
कोलकाताPublished: Sep 18, 2020 11:18:30 pm
स्वैच्छिक संगठन ने की मदद-छह लाख रुपए हुए खर्च
किशोर के दिल की दुर्लभ सर्जरी कर डॉक्टरों ने बचाई जान
कोलकाता . 12 साल की उम्र में एक लडक़े को दिल का दौरा पड़ा। पर क्यों? कारण तलाश करने पर उसके दिल के वाल्व पर एक दुर्लभ ट्यूमर पाया गया। तपसिया खालधार स्लम के निवासी के पुत्र राज शेख स्वैच्छिक संगठन की पहल पर कोलकाता के एक निजी अस्पताल में सर्जरी के बाद घर लौट आए। उसके माता-पिता दिहाड़ी मजदूर हैं। किशोर के शरीर का बायां भाग बेहोश होने लगा। असहाय माता-पिता अपने बेटे को कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गए। हालांकि, वहां इलाज शुरू करने में लंबा समय लगा।
उसके क्षेत्र में फुटपाथ के निवासियों के साथ काम करने वाले एक स्वैच्छिक संगठन तक यह खबर पहुंची। संगठन के सदस्य लडक़े को अपोलो ग्लेनेगल्स अस्पताल ले गए। वहाँ पता चला कि राज को स्ट्रोक हुआ था। कारण जानकर डॉक्टर हैरान रह गए। जांच करने पर पाया गया कि राज को माइट्रल वाल्व पर एक ट्यूमर (फाइब्रोलास्टोमा) है।
अपोलो ग्लेनेगल्स अस्पताल में कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी की प्रमुख सुसान मुखर्जी ने कहा, “फाइब्रोलास्टोमा वास्तव में गैर-कैंसर ट्यूमर का एक प्रकार है। लेकिन खतरा यह है कि यह वाल्व पर पैदा होता है और शरीर में रक्त के प्रवाह को बाधित करता है। शरीर में एकाधिक थक्के बनते हैं। जिससे स्ट्रोक, हार्ट अटैक होता है। वयस्कों में इस तरह का ट्यूमर बहुत कम होता है। डॉक्टरों ने निष्कर्ष निकाला कि राज के वाल्व पर हुए ट्यूमर के कारण मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति बाधित हो गई। सुसान ने कहा, ‘कई मामलों में ट्यूमर के पकड़े जाने से पहले रोगी की मृत्यु हो जाती है। यदि रोगी बच जाता है, तो ट्यूमर को जल्द से जल्द हटा दिया जाना चाहिए। यदि नहीं तो एक से अधिक स्ट्रोक हो सकते हैं। ‘
एक परिवार में जहां दिन में दो बार भोजन का कोई प्रावधान नहीं है, वाल्व प्रतिस्थापन एक दूर का सपना है, अपोलो जैसे अस्पताल में भर्ती होने का विचार एक कल्पना है और वहाँ पर स्वैच्छिक संगठन इस अत्यंत दयनीय परिवार की सहायता के लिए आगे आए। अस्पताल की ओर से कुछ रियायतें दी गई थीं, जिसके बाद स्वैच्छिक संगठन ने सर्जरी और राज शेख के इलाज के लिए 6 लाख रुपये का भुगतान किया। लडक़े के वाल्व को भी न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी से बदल दिया गया। सुसान ने कहा कि ऑपरेशन अंगूठे के आकार के बराबर क्षेत्र को काटकर किया गया है। राज की मां कहकशां मीडिया से सीधे बात नहीं कर सकती थीं। स्वैच्छिक संगठन के माध्यम से उन्होंने कहा, वह डॉक्टर, भगवान और उस स्वैच्छिक संगठन को धन्यवाद देना चाहती हूं।