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मतभेदों को संघर्ष के रूप में नहीं देखें: बोस

locationकोलकाताPublished: Nov 18, 2022 10:47:10 pm

Submitted by:

Rabindra Rai

पश्चिम बंगाल के नवनियुक्त राज्यपाल सीवी आनंद बोस राजभवन की भूमिका को इंद्रधनुष के सेतु जैसा मानते हैं। नौकरशाह से राज्यपाल नियुक्त किए गए बोस मानते हैं कि राजभवन और राज्य सरकार के बीच मतभेदों को संघर्ष के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

मतभेदों को संघर्ष के रूप में नहीं देखें: बोस

मतभेदों को संघर्ष के रूप में नहीं देखें: बोस

नवनियुक्त राज्यपाल बोले, सेतु की तरह है राज्यपाल की भूमिका
राजभवन और राज्य सरकार एक दूसरे के पूरक
कोलकाता. पश्चिम बंगाल के नवनियुक्त राज्यपाल सीवी आनंद बोस राजभवन की भूमिका को इंद्रधनुष के सेतु जैसा मानते हैं। नौकरशाह से राज्यपाल नियुक्त किए गए बोस मानते हैं कि राजभवन और राज्य सरकार के बीच मतभेदों को संघर्ष के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।

समाधान को प्राथमिकता
कोई ऐसी समस्या नहीं है जिसका समाधान न हो, मानने वाले बोस ने कहा कि वे समाधान को प्राथमिकता देते हैं। संविधान क्या अपेक्षा करता है राज्यपाल का क्या रास्ता होना चाहिए यह जानना है, रास्ता दिखाना है और रास्ते पर ही जाना है।

राज्य का समर्थन जरूरी
पश्चिम बंगाल में राजभवन और तृणमूल कांग्रेस सरकार के बीच मतभेदों को दूर करने के बारे में उन्होंने कहा कि राज्यपाल को राज्य और केंद्र के बीच इंद्रधनुष सेतु के रूप में कार्य करना होगा। इसके लिए उन्हें राज्य के समर्थन की जरूरत होगी। उन्हें राज्य सरकार का समर्थन मिलेगा और वे सेतु के रूप में सेवा करते रहेंगे।

परस्पर पूरक
बोस ने कहा कि राजभवन- राज्य सरकार पूरक संस्थाएं हैं। राज्यपाल की भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार संविधान के ढांचे के भीतर काम करे। देश के कई राज्यों में गैर-भाजपा दलों के नेतृत्व वाली राज्य सरकार और राजभवन के बीच बढ़ते संघर्ष के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मतभेदों को टकराव के रूप में नहीं देखना चाहिए।

मतभेद लोकतंत्र की ताकत
बोस ने कहा कि वे मतभेद को संघर्ष के रूप में नहीं बल्कि दृष्टिकोण का अंतर मानते हैं। लोकतंत्र में यह अंतर होना आवश्यक है। यह हमारे लोकतंत्र की कमजोरी नहीं बल्कि उसकी अलग ताकत है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे उनसे बातचीत के बाद ही कोई राय बनाएंगे। ममता बनर्जी लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं। मैं उनसे मिलूंगा और बातचीत करूंगा। पूर्व राज्यपाल एवं वर्तमान उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का अनेक विषयों पर ममता के साथ गतिरोध रहता था।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्षधर
बंगाल के नव नियुक्त राज्यपाल ने कहा कि भारत बहुलतावादी समाज है। अलग अलग मुद्दों पर लोगों की अलग अलग राय है। अभिव्यक्ति का स्वतंत्र प्रवाह होना चाहिए। राजभवन को भाजपा कार्यालय बताने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि वे तथ्यों को देखते हैं। केरल के कोट्टयम से ताल्लुक रखने वाले बोस ने कहा कि वे पश्चिम बंगाल की जनता की सेवा करने का अवसर मिलने से बहुत खुश हैं। वे निर्वाचित राज्य सरकार के साथ बहुत सौहार्दपूर्ण तथा सहयोगात्मक संबंधों की आशा करते हैं।
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