सपनों के घरौंदे जलकर हुए राख
-भयावह आग ने निगल लिए 100 से अधिक घर
-चारो तरफ बिखरी नजर आई राख ही राख
- 700 से अधिक हुए बेघर

कोलकाता. एक-एक चीज से सजाया सपनों का घर। जलकर श्मशान हो गया। बुधवार को बागबाजार मायेर बाड़ी बस्ती में लगी आग ने लोगों की जिंदगी भी भस्म कर दी। उनके जीवन का सबकुछ जलकर खाक हो गया। लगभग 150 घरों में 700 से अधिक लोग रहते थे। इन लोगों का कहना है कि भयावह आग लगनेे के बाद कुछ भी नहीं बचा है। सब कुछ राख में तब्दील हो गए हैं। पीडि़त लोगों का कहना है सरकार हमें भोजन व कपड़े तो मुहैया करा देगी लेकिन उनके महत्वपूर्ण दस्तावेज, सारी जिंदगी की जमा पूंजी को कौन लौटाएगा। सब कुछ आग में जलकर राख हो गया। वहीं दूसरी ओर गुरुवार सुबह जब बस्तीवासी राख में अपना सामान तलाश कर रहे थे तभी दमकल कर्मियों ने रोकने की कोशिश की और इससे वहां के लोगों और दमकल कर्मियों में बहस हो गई। लोगों का कहना है कि कुछ नहीं बचा है लेकिन दमकल कर्मी उन्हें देखने भी नहीं दे रहे हैं।
न डिग्री बची न प्रमाण पत्र क्या ढूंढे किसे बताएं
बस्ती की निवासी एक महिला रूमा मंडल ने बताया कि आधार कार्ड, राशन कार्ड, प्रमाण पत्र कुछ भस्म हो गए। कुछ भी नहीं बचा है। कई लोग ऐसे हैं जिनके इलाज के कागज भी जलकर राख हो गए हैं।
बर्तन, अलमारी हुए कबाड़
गुरुवार सुबह बागबाजार बस्ती के प्रभावित निवासी जब अपने सामानों को अवेशेष में तलाशने गए तो उन्हें उनके सामान कबाड़ के रूप में मिले। उसे देखकर कहीं कोई रो रहा था, तो कहीं कोई सिर पर हाथ धरे बैठा था। सबकुछ खोने का दर्द उनके चेहरे पर साफ झलक रहा था। कुछ प्रभावितों का आरोप है कि आग बुझ जाने के बाद भी जब वे अपने सामान को तलाशने के लिए गए तो उन्हें रोका गया। तब किसी ने उनकी मदद नहीं की।
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