ई-रिक्शा के आयात में 19 करोड़ शुल्क चोरी का खुलासा
डीआरआई सूत्रों के अनुसार प्राथमिक पूछताछ में आरोपियों ने कर चोरी का आरोप स्वीकार कर लिया है।

- बंगाल: राजस्व खुफिया निदेशालय ने 2 निदेशकों को दबोचा
- आरोपियों ने कर चोरी की बात मानी
कोलकाता
राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने ई-रिक्शा के आयात में 19 करोड़ रुपए के सीमा शुल्क की चोरी का भंडाफोड़ करते हुए पश्चिम बंगाल आधारित फॉर्म ‘मेसर्स जेनिक इनोवेशन इंडिया लिमिटेड’ के दो निदेशकों को गिरफ्तार किया है। उनके नाम गुलाम मोईनु²ीन और मजीबुर विश्वास है। दोनों से पूछताछ की जा रही है। डीआरआई सूत्रों के अनुसार प्राथमिक पूछताछ में आरोपियों ने कर चोरी का आरोप स्वीकार कर लिया है।
कंपनी विदेश से ई-रिक्शा (टोटो) के कल-पुर्जे पूर्ण रूप से तैयार (सीकेडी) कंडिशन में आयात करती थी और कागजात में उसे पाट्र्स बताते कर 20 प्रतिशत सीमा शुल्क की चोरी करती थी। सीकेडी कंडिशन में माल आयात पर सीमा शुल्क की दर 30 प्रतिशत है, जबकि पाट्र्स पर 10 प्रतिशत है। यह सीमा शुल्क अधिनियम 1962२ की धारा-17 एवं 46 का उल्लंघन है।
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4 साल से लगा रहे थे सरकार को चूना
डीआरआई सूत्रों के अनुसार मेसर्स जेनिक इनोवेशन इंडिया लिमिटेड के निदेशक पिछले चार साल से कर चोरी कर सरकार को चूना लगा रहे थे। इन चार साल में कंपनी की ओर से लगभग 150 करोड़ रुपए के माल का आयात किया गया था।
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यूं हुआ खुलासा
विश्वसनीय सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर डीआरआई टीम ने हावड़ा के भागवतीपुर इलाका स्थित सांकराइल इडस्ट्रियल पार्क में कंपनी के कारखाने पर छापेमारी की। वहां पाया गया कि महज कुछ मशीनें है। सीकेडी कंडिशन के पाट्र्स को जोड़ कर ई-रिक्शा तैयार किया जा रहा है। कारखाना परिसर के अधिकांश हिस्से का इस्तेमाल गोदाम के रूप में किया जा रहा था। इस प्रकार उनके इस गोरखधंधे का खुलासा हुआ।
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पहले जीएसटी चोरी का खुलास हुअा था
इससे पहले हावड़ा जिले में 43 करोड़ रुपए के जीएसटी चोरी की घटना सामने अाई थी। हावड़ा सीजीएसटी कमिश्नरेट ने मामले में मुख्य आरोपित के साथ दो निदेशकों को गिरफ्तार किया था। ये फर्जी चालान 63 जीएसटी करदाताओं को जारी किए थे।
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