कोलकाताPublished: Oct 31, 2020 05:26:46 pm
Manoj Singh
हर साल की तरह इस साल भी कोलकाता में कलात्मक सोच और कला के जरिए समसामयिक विषयों को दर्शाती दुर्गा प्रतिमाओं को राज्य सरकार ने अपनी गैलरी में संरक्षित रखने का फैसला किया है। इनमें लॉकडाउन के दौरान प्रवासी महिला मजदूरों की दर्द बयां करने वाली पूरे देश में बहु चर्चित दुर्गा प्रतिमा भी शामिल हैं।
Maa Durga as migrant women workers : संरक्षित की जाएगी प्रवासी महिला श्रमिकों की दर्द बयां करती दुर्गा प्रतिमा
मां दुर्गा की अन्य दो सर्वश्रेष्ठ मूर्तियां भी सरकारी गैलरी में की जाएंगी संरक्षित
कोलकाता
कोरोना काल में भले ही भारत की सांस्कृतिक राजधानी कोलकाता सहित पूरे पश्चिम बंगाल की विश्व विख्यात दुर्गा पूजा उत्सव काफी फीका रहा, लेकिन थीम आधारि इसकी कलात्मकता में कोई कमी नहीं आई। हर साल की तरह इस साल भी कोलकाता में कलात्मक सोच और कला के जरिए समसामयिक विषयों को दर्शाती दुर्गा प्रतिमाओं ने लोगों का ध्यान आर्कषित की, जिनमें से तीन सर्वश्रेष्ठ दुर्गा प्रतिमाओं को राज्य सरकार ने अपनी गैलरी में संरक्षित रखने का फैसला किया है। इनमें लॉकडाउन के दौरान प्रवासी महिला मजदूरों की दर्द बयां करने वाली पूरे देश में बहु चर्चित दुर्गा प्रतिमा भी शामिल हैं।
इसे रविंद्र सरोवर स्थित राज्य सरकार की दुर्गा गैलरी में रखा जा रहा है।
पश्चिम बंगाल सरकार के कोलकाता मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (केएमडीए) ने बेहतरीन दुर्गा प्रतिमाओं को संरक्षित करने के लिए कोलकाता के रवीन्द्र सरोवर इलाके में दुर्गा गैलरी का निर्माण किया है। इसमें प्रत्य़ेक वर्ष के मां दुर्गा की सर्वश्रेष्ठ प्रतिमाओं और थीम को संजोया जाता है। इस बार इस गैलरी में रखने के लिए कोलकाता की तीन सर्वश्रेष्ठ दुर्गा प्रतिमाओं का चयन किया गया है। इनमें बारिशा क्लब के पूजा पंडाल में प्रदर्शित की गई वह कलात्मक मां दुर्गा की प्रतिमा भी शामिल की गई है। कलाकार ने लॉकडाउन के दौरान पैदल ही शहर से अपने गांव जा रही एक प्रवासी महिला मजदूर को मां दुर्गा के रूप में प्रस्तुत किया है। उसकी गोद में एक छोेटा बच्चा है और दो बच्चे उसका हाथ पकड़ कर चल रहे हैं।
राज्य के शहरी विकास मंत्री और कोलकाता के प्रशासक फिरहाद हकीम ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को यह प्रतिमा काफी पसंद आई थी। र उन्होंने जब इसका उद्घाटन किया था तभी इसकी बेहतरीन कलाकारी और खूबसूरती की सराहना की थी। इसीलिए इसे रविंद्र सरोवर की गैलरी में रखा जा रहा है।
इसी तरह से संतोषपुर लेक पल्ली की दुर्गा प्रतिमा और 74 पल्ली खिदिरपुर की मां दुर्गा प्रतिमा को भी उक्त आर्ट गैलरी में जगह मिली है
संतोषपुर लेक पल्ली के महासचिव सोमनाथ दास ने बताया कि इस बार कलकत्ता उच्च न्यायालय ने दुर्गा पंडालों में लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया था। इसलिए बहुत अधिक लोग मां दुर्गा की मूर्तियों का दर्शन नहीं कर सके हैं। इन्हें आर्ट गैलरी में रखे जाने से लोग बाद में इसे देख सकेंगे।