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आर्थिक अपराधों की जांच करने वाले ईडी ने क्यों अटैच किए नटखट बंदर, चिंपाजी

locationकोलकाताPublished: Sep 21, 2019 09:46:30 pm

Submitted by:

Paritosh Dube

नीरव मोदी, विजय माल्या की सम्पत्तियों के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement directorate) ने कोलकाता (Kolkata) में चिंपाची और दक्षिण अमरीकी बंदरों को अटैच किया है। कोलकाता में सात चिंपांजी और दक्षिण अमरीकी बंदर मर्मोसेट अटैच किए गए हैं। क्यों पढि़ए इस खबर में ।

आर्थिक अपराधों की जांच करने वाले ईडी ने क्यों अटैच किए नटखट बंदर, चिंपाजी

आर्थिक अपराधों की जांच करने वाले ईडी ने क्यों अटैच किए नटखट बंदर, चिंपाजी

कोलकाता. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तीन चिंपांजी और चार मर्मोसैट (दक्षिण अमरीकी बंदर) जांच कार्य के दौरान अटैच किए हैं। गंभीर मनी लॉन्ड्रिंग अपराधों की जांच करने वाले एजेंसी को वन्य जीव अटैच करने की क्या जरूरत आ गई। दरअसल पश्चिम बंगाल के एक वन्यजीव तस्कर के खिलाफ मनी लांड्रिंग जांच को आगे बढ़ाते हुए यह कार्रवाई की गई है। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच कर रही ईडी को इस बात की आशंका है कि वन्यजीव तस्कर अलीपुर चिडिय़ाखाने में रखे गए मर्मोसेट और चिंपांजी हथियाने का प्रयास कर सकता है। इसलिए उन्हें एजेंसी ने अटैच किया है।
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से अटैच की गई सम्पति पर उसका मालिक 180 दिनों तक अधिकार प्राप्त नहीं कर सकता। समय सीमा के बाद भी एजेंसी अधिनियम की न्यायिक व्यवस्था के अंतर्गत सम्पत्ति को अटैच कर रख सकती है।
आर्थिक अपराधों की जांच करने वाले ईडी ने क्यों अटैच किए नटखट बंदर, चिंपाजी
एक चिंपांची 25 लाख का
जांच में सामने आया है कि अटैच किए गए सात वन्यजीवों की कुल कीमत 81 लाख रुपये है। प्रत्येक चिंपांज़ी की कीमत 25 लाख रुपये है, वहीं प्रत्येक छोटे आकार वाला दक्षिण अमरीकी बंदर मर्मोेसेट की कीमत लगभग 1.5 लाख रुपये है।
आर्थिक अपराधों की जांच करने वाली एजेंसी इडी ने यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पशु तस्कर सुप्रदीप गुहा के खिलाफ दर्ज कराए गए मामले के आधार पर की है। जांच में सामने आया है कि गुहा ने फर्जी और जाली दस्तावेजों का उपयोग करते हुए वन्यजीवों को भारतीय मूल का बताया। उसके कस्टम्स और राज्य के वन्य जीव संरक्षण विभाग को दिए गए बयान भी अलग अलग थे। जांच में यह भी सामने आया था कि गुहा संगठित वन्यजीव तस्करी रैकेट संचालित कर रहा था। सातों जानवर अभी अलीपुर प्राणी उद्यान में हैं। जो यहां आने आगंतुकों के लिए आकर्षण का केन्द्र हैं।
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