सूत्रों के अनुसार मालदहा में 31 हेक्टेयर जमीन पर आम के बागान लगे हुए हैं जहां से प्रतिवर्ष लाखों टन आम का उत्पादन होता है। फरवरी के महीने तक आम के पेड़ पूरी तरह से मुकुल से भर जाते हैं। कुछ पेड़ों पर तो छोटे-छोटे टिपोरी दिखने लगते हैं। यह छोटे-छोटे आम पूरे पेड़ों पर छोटी-छोटी लाइटों की तरह चमकने लगते हैं। लेकिन इस बार ऐसा नजर नहीं आ रहा है। क्योंकि पेड़ों पर मुकुल नजर नहीं आ रहे हैं।
७५ फीसदी पेड़ों का एक ही हाल
तकरीबन 75 प्रतिशत पेड़ों का एक ही हाल है। गत वर्ष आम बहुत लगे थे, पर ऐनवक्त पर ओलावृष्टि से आम को नुकसान हुआ था। 2019 में कुल दो लाख 90 हजार मेट्रिक टन आम की उपज हुई थी। उसके अनुसार 2020 में आम की उपज का लक्ष्य साढ़े तीन हजार मेट्रिक टन था, पर आम के पेड़ों पर फूल न दिखने से सभी में निराशा देखी जा रही है।
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तापमान बढऩे का इंतजार
मालदहा जिला उद्यान पालन विभाग को आशा है कि आने वाले सप्ताह में सर्दी कम होगी और तापमान बढ़ेगा। इसके साथ ही आम के उत्पादन का क्रम भी आरंभ हो जाएगा। इसके लिए पहले चरण के उत्पाद का काम भी शुरू होने की संभावना है। फिलहाल सभी मौसम के बदलने का इंतजार कर रहे हैं।