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पटाखों के निर्माण को कानूनी दायरे में लाने की कोशिशें तेज

locationकोलकाताPublished: May 25, 2023 11:50:45 pm

Submitted by:

Rabindra Rai

राज्य में वैध- अवैध पटाखा कारखानों में पिछले कुछ दिनों में हुए विस्फोट और अग्निकांड में 17 लोगों की मौत से राज्य सरकार की नींद टूटी है। पुलिस की धड़ाधड़ कार्रवाई से हजारों लोगों के रोजगार पर मंडरा रहे संकट के बीच राज्य सरकार ने पटाखा निर्माण इकाइयों को कानूनी दायरे में लाने के लिए प्रशिक्षण देने की तैयारी शुरू की है

पटाखों के निर्माण को कानूनी दायरे में लाने की कोशिशें तेज
पटाखों के निर्माण को कानूनी दायरे में लाने की कोशिशें तेज
एक के बाद एक धमाकों से टूटी राज्य सरकार की नींद
नीरी की सहायता से प्रशिक्षण देने की तैयारी शुरू
कोलकाता. राज्य में वैध- अवैध पटाखा कारखानों में पिछले कुछ दिनों में हुए विस्फोट और अग्निकांड में 17 लोगों की मौत से राज्य सरकार की नींद टूटी है। पुलिस की धड़ाधड़ कार्रवाई से हजारों लोगों के रोजगार पर मंडरा रहे संकट के बीच राज्य सरकार ने पटाखा निर्माण इकाइयों को कानूनी दायरे में लाने के लिए प्रशिक्षण देने की तैयारी शुरू की है। इस काम में नागपुर स्थित राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान(नीरी) की सहायता ली जा रही है। पटाखा निर्माताओं को नीरी से प्रशिक्षण दिलाने के लिए सभी जिलों के कलक्टरों को पाबंद किया गया है।
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मुख्य सचिव ने की पटाखा निर्माताओं से बैठक
एक के बाद पटाखा निर्माण इकाइयों में धमाके और अग्निकांड के बाद पुलिस की कड़ाई से पटाखा निर्माताओं ने राज्य सरकार से गुहार लगाई। जिसके बाद पटाखा निर्माताओं के संगठनों ने राज्य के मुख्य सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी के साथ बैठक की। बैठक में पटाखा निर्माण इकाइयों को नियम-कानून के दायरे में लाने के राज्य सरकार के प्रयासों के बारे में बताया गया। इसके साथ ही नीरी अनुमोदित पटाखे ही बनाए जाने की बात कही गई। जिसके बाद राज्य सरकार ने पटाखा निर्माताओं के प्रशिक्षण के लिए नीरी से संपर्क किया है।
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जून में होगा प्रशिक्षण
राज्य सरकार के सूत्रों के मुताबिक पटाखा कारखानों के कर्मचारियों को नीरी के वैज्ञानिक जून के महीने में दो चरणों में प्रशिक्षण देंगे। राज्य सरकार ने नीरी प्रबंधन को इस आशय का पत्र भी लिखा है। पूर्व में भी नीरी ने राज्य के पटाखा कारीगरों को प्रशिक्षित किया है।
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नीरी अनुमोदित ग्रीन पटाखों को ही अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने भी नीरी अनुमोदित ग्रीन पटाखों को ही चलाने की अनुमति दी है। राज्य के लाइसेंसी पटाखा बाजारों में भी नीरी अनुमोदित पटाखे ही बेचे जाते हैं लेकिन चोरी छिपे अवैध पटाखे तैयार होना बंद नहीं हुआ है। ऐसे ही कारखानों में अक्सर विस्फोट, अग्निकांड हो रहा है।
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बंगाल में 3 हजार करोड़ का कारोबार
राज्य में पटाखा कारोबार करीब तीन हजार करोड़ रुपए का है। इससे करीब डेढ़ लाख लोग जुड़े हुए हैं। राज्य के दक्षिण 24 परगना जिले के नूंगी, बजबज, चम्पाहाटी, उत्तर 24 परगना के नीलगंज, पूर्व मिदनापुर के एगरा में ज्यादा पटाखा फैक्ट्री हैं। तमिलनाडु का शिवकाशी देश में पटाखा निर्माण का सबसे बड़ा हब रहा है। कुछ साल पहले तक शिवकाशी में पटाखा कारोबार 6000 करोड़ रुपए का होता था। अब इसमें करीब 40 फीसदी की गिरावट आ गई है।
हाल में अभियान के दौरान दक्षिण 24 परगना में जब्त पटाखे।
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