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सोशल मीडिया पर भी नजर रखेगा आयोग

locationकोलकाताPublished: Mar 15, 2019 10:23:24 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू

kolkata

सोशल मीडिया पर भी नजर रखेगा आयोग

कोलकाता. लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होते ही फेसबुक, वाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया पर भी चुनाव आयोग की ओर से नजर रखी जा रही है। सोशल मीडिया को आदर्श आचार संहिता के दायरे में शामिल किया गया है। इस संबंध में कोलकाता स्थित निर्वाचन कार्यालय की ओर से कमेटी का गठन भी किया गया है। किसी खास उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार-प्रसार न करने का निर्देश दिया गया है। विवादास्पद, गलत और भडक़ाऊ संदेशों को फॉरवर्ड करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। वाट्सएप और फेसबुक में किसी ग्रुप में यदि किसी खास उम्मीदवार के पक्ष में प्रसार-प्रसार किया गया, तो इसे पेड न्यूज के दायरे में लाया जाएगा और ग्रुप एडमिन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों का भी निराकरण होगा। शिकायतों के लिए टीम का गठन किया गया है।
लोकसभा चुनाव 2019—-11 अप्रैल से चुनाव, 23 मई को आएंगे नतीजे
2019 लोकसभा चुनाव 7 चरणों में होंगे. इसकी घोषणा भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने की है। 11 अप्रैल को पहले चरण के लिए वोट डाले जाएंगे, जबकि 19 मई को सातवें चरण के लिए वोट डाले जाएंगे. मतों की गिनती 23 मई को होगी. लोकसभा के साथ ही ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और आंध्र प्रदेश विधानसभा के चुनाव भी होंगे. 3 बड़े राज्य उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में सातों चरणों में मतदान होगा.
—-हर पोलिंग बूथ पर इस्तेमाल होगा वीवीपैट
17वीं लोकसभा के गठन के लिए 90 करोड़ लोग वोट डालेंगे. 18 से 19 साल के डेढ़ करोड़ वोटर इस चुनाव में पहली बार हिस्सा लेंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त के मुताबिक आठ करोड़ 43 लाख नए मतदाता इस बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. 10 लाख पोलिंग बूथ पर वोट डाले जाएंगे. हर पोलिंग बूथ पर वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा.
—-1950 टोल फ्ऱी नंबर पर वोटिंग लिस्ट से जुड़ी जानकारी ले सकेंगे.
कोई भी शख्स आचार संहिता के उल्लंधन की जानकारी एक एंड्रॉयड एप के जरिए दे सकता है. शिकायतकर्ता की पहचान उजागर नहीं की जाएगी. और इस पर जांच करक एक्शन लिया जाएगा.इसके अलावा ईवीएम मशीन को जीपीएस के जरिए ट्रैक किया जाएगा.वोटिंग के 48 घंटे पहले लाउडस्पीकर पर बैन. हर संवेदनशील स्थान पर सीआरपीएफ तैनात होगी.चुनाव आयोग राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों के सोशल मीडिया प्रचार पर भी नजऱ रखेगा. इसके साथ ही चुनाव आयुक्त ने बताया कि फेसबुक-गूगल ने भी चुनाव को देखते हुए कंटेट की खास निगरानी करने का हमें पूरा आश्वासन दिया है.पिछले यानी 2014 के लोकसभा चुनाव का ऐलान पाँच मार्च 2014 को किया गया था. मतदान 7 अप्रैल को शुरू होकर नौ चरणों में 12 मई को ख़त्म हुए थे. 16 मई को नतीजों में भारतीय जनता पार्टी को बहुमत हासिल हुआ था और दूसरे सहयोगी दलों के साथ एनडीए की सरकार बनी. भाजपा को इन चुनाव में 282 सीटें मिली थीं.
—-लोकसभा में कितनी सीटें हैं?
संविधान के मुताबिक़ लोकसभा सीटों की अधिकतम संख्या 552 हो सकती है पर अभी लोकसभा सीटों की संख्या 545 है, जिनमें से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 543 सीटों के लिए आम चुनाव होते हैं. इनके अलावा अगर राष्ट्रपति को लगता है कि एंग्लो-इंडियन समुदाय के लोगों का लोकसभा में प्रतिनिधित्व काफ़ी नहीं है तो वह दो लोगों को नामांकित भी कर सकते हैं.131 लोकसभा सीटें रिज़र्व होती हैं. इन 131 में अनुसूचित जाति के लिए 84 और अनुसूचित जनजाति के लिए 47 सीटें रिज़र्व हैं. यानी इन सीटों पर कोई अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार ही चुनाव लड़ सकते हैं.किसी भी पार्टी को बहुमत के लिए कम से कम 272 सीटें चाहिए होती हैं. अगर बहुमत से कुछ सीटें कम भी पड़ जाएं तो दूसरे दलों के साथ गठबंधन कर भी सरकार बनाई जा सकती है. राजनीतिक दलों का गठबंधन चुनाव से पहले भी हो सकता है और नतीजों के बाद भी. लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद लेने के लिए विपक्षी पार्टी के पास कम से कम कुल सीटों की 10 फ़ीसदी संख्या होनी चाहिए यानी 55 सीटें. 2014 के आम चुनाव में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को सिर्फ़ 44 सीटें ही मिल पाई थीं.भाजपा ने 2014 में 282 सीटों के साथ बहुमत तो पाया था लेकिन फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के 268 सदस्य ही लोकसभा में रह गए हैं. कुछ सीटों को बीजेपी ने उपचुनाव में गंवा दिया. पार्टी के कुछ लोकसभा सदस्यों ने जैसे बीएस येदियुरप्पा और बी श्रीरामुल्लू ने विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए लोकसभा से इस्तीफ़ा दे दिया था. लेकिन फिर भी गठबंधन वाले राजनीतिक दलों के सहयोग से बीजेपी की सरकार सुरक्षित है.
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