मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने के लिए आवाश्यक दस्तावेजों में हाल में खिंचवाई गई तस्वीर, उम्र, और पता का प्रमाण पत्र शुमार है। उम्र और पते का सिर्फ सिर्फ प्रमाणित और वैध प्रमाण पत्र ही मान्य होगा। मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने या संशोधन कराने के लिए फॉर्म नंबर 16 को भरना पड़ता है। इसके बाद उम्र और पते के प्रमाण पत्र और ताजा फोटो के साथ उक्त फॉर्म को स्थानीय चुनाव कार्यालयों में जमा किया जाता है। फॉर्म नंबर 16 चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। वहां से उसे डाउनलोड किया जा सकता है। इसके अलावा फॉर्म नंबर 16 चुनाव आयोग के स्थानीय कार्यालयों में भी पाया जा सकता है।
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इमामों का नाम दर्ज कराने का अभियान
चुनाव आयोग की ओर से बंगाल में मतदाता सूची में संशोधन करने का काम शुरू करने के साथ ही इमामों ने कोलकाता के मुस्लिम समुदाय को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। इस क्रम में नाखुदा मस्जिद के इमाम मोहम्मद सफिक कासिम ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए जागरूक करना शुरू कर दिया है। असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) चलाए जाने के बाद यह पहला मौका है, जब मतदाता सूची में मस्लिम समुदाय के लोगों के नाम दर्ज कराने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। भाजपा के नेता पश्चिम बंगाल भी एनआरसी करवाने का बयान दे रहे हैं। इसके मद्देनजर कोलकाता की विभिन्न मस्जिदों के इमाम उक्त अभियान चला रहे हैं। नाखुदा मस्जिद के इमाम ने कहा कि यह आत्मसंतुष्टि या उदास होने का समय नहीं है। अभी प्रत्येक भारतीय नागरिक को अपने सभी कानूनन वैध दस्तावेजों विशेष कर भारतीय नागरिकता प्रमाण करने वाले दस्तावेजों को व्यवस्थित करना बहुत ही अनिवार्य है। नागरिकता प्रमाण करने वाले दस्तावेजों में कोई कमी है तो उसका शीघ्र नवीनीकरण किया जाना बहुत जरूरी है।
चुनाव आयोग की ओर से बंगाल में मतदाता सूची में संशोधन करने का काम शुरू करने के साथ ही इमामों ने कोलकाता के मुस्लिम समुदाय को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। इस क्रम में नाखुदा मस्जिद के इमाम मोहम्मद सफिक कासिम ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए जागरूक करना शुरू कर दिया है। असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) चलाए जाने के बाद यह पहला मौका है, जब मतदाता सूची में मस्लिम समुदाय के लोगों के नाम दर्ज कराने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। भाजपा के नेता पश्चिम बंगाल भी एनआरसी करवाने का बयान दे रहे हैं। इसके मद्देनजर कोलकाता की विभिन्न मस्जिदों के इमाम उक्त अभियान चला रहे हैं। नाखुदा मस्जिद के इमाम ने कहा कि यह आत्मसंतुष्टि या उदास होने का समय नहीं है। अभी प्रत्येक भारतीय नागरिक को अपने सभी कानूनन वैध दस्तावेजों विशेष कर भारतीय नागरिकता प्रमाण करने वाले दस्तावेजों को व्यवस्थित करना बहुत ही अनिवार्य है। नागरिकता प्रमाण करने वाले दस्तावेजों में कोई कमी है तो उसका शीघ्र नवीनीकरण किया जाना बहुत जरूरी है।