– अतिक्रमण के खिलाफ लड़ाई जारी
हॉकरों के अतिक्रमण से न्यूमार्केट समेत अन्य इलाकों में व्यापार पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। उनकी मनमानी और जबरन दखल की वजह से ग्राहकों का दुकानों पर आना कम गया है। दुकानदारों को अपनी दुकानें खोलने में परेशानी होती है। उनकी लापरवाही की वजह से न्यूमार्केट की स्थाई दुकानों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। डालों से दुर्घटनाओं के आसार बढ़ गए हैं। आलम यह है कि इनको रोकने के लिए स्थाई दुकानदार बागी हो गए हैं और अपने सामान को दुकानों के बाहर लगाते हैं ताकि हॉकर वहां कब्जा न कर लें।
(राजीव सिंह, सचिव, ज्वाइंट ट्रेडर्स फेडरेशन)
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– नियम और कानून बता रहा प्रशासन
साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट से मिले निर्देश के बाद हॉकरों के अधिकार के लिए बनाई गई टाउन वेंडिंग कमेटी ने अब तक हॉकरों के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। पुनर्वास और परिचयपत्र न मिलने के कारण बेरोजगार और मजबूर वर्ग के लोग फुटपाथों पर अस्थाई दुकानें खोलकर परिवार का पेट पालते हैं। प्रशासन अगर हॉकरों को चिन्हित कर उन्हें परिचय पत्र सौंप दें तो समस्याएं कम हो जाएगी।
(असीत साहा, राज्य अध्यक्ष, युवा हॉकर संग्राम कमेटी)
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– हॉकरों के लिए विशेष निर्देश
सुप्रीम कोर्ट से मिले निर्देश के बाद केएमसी ने टाउन वेडिंग कमेटी का गठन किया, जिसका अध्यक्ष एमएमआईसी देवाशीष कुमार को बनाया गया था। पिछले 4 सालों में कमेटी की तरफ से बैठकें तो की गई हैं लेकिन अब तक किसी भी हॉकर को परिचय पत्र नहीं दिया गया है और न ही पुनर्वास की कोई व्यवस्था की गई है। महानगर में अब तक हॉकरों के लिए केवल एक ही निर्धारित बाजार बनाया गया है जोकि देश का पहला फ्लोटिंग मार्केट है, लेकिन यहां भी केवल गिने-चुने व्यापारी ही व्यवसाय कर रहे हैं।
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– हॉकरों को किया जाएगा चिह्नित
जल्द ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार महानगर के हॉकरों को चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस प्रक्रिया के पूरी होते ही हॉकरों को अलग-अलग वर्गों में बांट दिया जाएगा और उसी हिसाब से डिजिटल माध्यम से उनके परिचयपत्र बनाए जाएंगे।
(देवाशीष कुमार, एमएमआईसी)