कोरोना काल में आम बजट से सभी को उम्मीदें
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने वाली हैं। कोरोना काल में बजट को लेकर आम से लेकर खास सभी की उम्मीदें बढ़ गई हैं

वर्ष 2021-22: सभी वर्ग के लोग वित्त मंत्री से चाहते हैं रियायत
कोलकाता. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने वाली हैं। कोरोना काल में बजट को लेकर आम से लेकर खास सभी की उम्मीदें बढ़ गई हैं। सभी वर्ग को लग रहा है कि वित्त मंत्री सभी के लिए कुछ न कुछ रियायतें देंगी। नौकरी पेशा वाले व्यक्तिगत कर में और छूट की उम्मीद लगाए बैठे हैं तो उद्योग जगत सुलभ कर्ज तथा कर्ज पर अधिक ब्याज छूट की आस लगाए हुए है।
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कर्ज पर अधिक ब्याज छूट मिले: आईसीसी
उद्योग मंडल इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए कर्ज पर अधिक ब्याज छूट या सहायता की मांग की है। आईसीसी का कहना है कि इससे देश में रोजगार सृजन को प्रोत्साहन मिलेगा। आईसीसी ने कर दरों को कम कर व्यक्तिगत कराधान का सरलीकरण करने का आग्रह भी सरकार से किया है। चैंबर का कहना है कि इससे अनुपालन बेहतर हो सकेगा। आईसीसी के अध्यक्ष विकास अग्रवाल ने कहा कि दो प्रतिशत की ब्याज सहायता से भारतीय एमएसएमई को काफी मदद मिली है। हमारा प्रस्ताव है कि इसका विस्तार किया जाए और दायरा बढ़ाया जाए। हम सरकार से ब्याज सहायता को बढ़ाकर 3-4 प्रतिशत यानी तीन करोड़ रुपये तक करने का आग्रह कर रहे हैं। अभी यह एक करोड़ रुपए तक है। उन्होंने कहा कि इन उपक्रमों के लिए ब्याज सहायता योजना का मुख्य उद्देश्य उन्हें जीएसटी नेटवर्क पर लाना है। इस छूट से एमएसएमई इकाइयों को अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के तहत लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने व्यक्तिगत कर की सीमा में कटौती की भी मांग की। अग्रवाल ने कहा कि निवासी करदाताओं के लिए लाभांश कर की सीमा को भी 20 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत किया जाना चाहिए
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टैक्स छूट का दायरा बढ़े: सुशील मोहता
रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन क्रेडाई पश्चिम बंगाल ने घरों की बिक्री बढ़ाने के लिए सरकार से आगामी बजट में टैक्स छूट का दायरा बढ़ाने की मांग की है। संगठन ने होम लोन की मूल राशि के भुगतान पर अलग से छूट का भी सुझाव दिया है। क्रेडाई पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष तथा मर्लिन गु्रप के चेयरमैन सुशील मोहता ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर की दिक्कतों को कोरोना वायरस महामारी ने और बढ़ा दिया है। अस्तित्व के संघर्ष के बाद अब यह क्षेत्र धीरे-धीरे उबर रहा है। यदि कर की सीमा में कटौती और जीएसटी दर में और कमी की जाती है तो पैसा लोगों के हाथ में आएगा तथा बाजार को फायदा पहुंचेगा। उन्होंने मांग को बढ़ावा देने के लिए सस्ते होम लोन और हाउसिंग सेक्टर में निवेश पर टैक्स छूट का भी प्रस्ताव दिया। इसके अलावा उन्होंने राज्य पंजीयन विभाग से जमीन के मूल्यांकन का और सरलीकरण करने की अपील की है।
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सभी वर्गों को रियायत देने की अपील
व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रेड एसोसिएशन (सीडब्ल्यूबीटीए) ने कोरोना काल में वित्त मंत्री से सभी वर्गों को रियायत देने की अपील की है। सीडब्ल्यूबीटीए के अध्यक्ष सुशील पोद्दार ने कहा कि यदि व्यक्तिगत कर में और छूट तथा जीएसटी दर में और कमी की जाती है तो निश्चित रूप से इसका लाभ कारोबार जगत को मिलेगा। जिस तरह त्योहारी सीजन ने कोरोना काल में उद्योग जगत को पटरी पर लाने की कोशिश की है उसी तरह आम बजट में रियायत से व्यापार जगत में नई जान आ सकती है।
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