scriptLeft and TMC : तृणमूल के मुखपत्र में पूर्व माकपा सचिव की बेटी के लेख को लेकर पार्टी में छिड़ी बहस | Ex CPIM secretary's daughter wrote article in Trinamool's mouthpiece | Patrika News

Left and TMC : तृणमूल के मुखपत्र में पूर्व माकपा सचिव की बेटी के लेख को लेकर पार्टी में छिड़ी बहस

locationकोलकाताPublished: Jul 29, 2021 03:05:37 pm

Submitted by:

Manoj Singh

भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ( माकपा) के दिवंगत राज्य सचिव और पोलित ब्यूरो सदस्य अनिल विश्वास की पुत्री अजंता विश्वास ने बुधवार से पार्टी के घोर विरोधी तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र जागो बांग्ला में लेखों का श्रृखला शुरू किया है। बुधवार से शुरू हुई राज्य माकपा सचिव मंडल की बैठक में यह बहस का मुद्दा बन गया।

Left and TMC : तृणमूल के मुखपत्र में पूर्व माकपा सचिव की बेटी के लेख को लेकर पार्टी में छिड़ी बहस

Left and TMC : तृणमूल के मुखपत्र में पूर्व माकपा सचिव की बेटी के लेख को लेकर पार्टी में छिड़ी बहस


पार्टी की बैठक में बना बहस का मुद्दा
कोलकाता
भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ( माकपा) के दिवंगत राज्य सचिव और पोलित ब्यूरो सदस्य अनिल विश्वास की पुत्री अजंता विश्वास ने बुधवार से पार्टी के घोर विरोधी तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र जागो बांग्ला में लेखों का श्रृखला शुरू किया है। बुधवार से शुरू हुई राज्य माकपा सचिव मंडल की बैठक में यह बहस का मुद्दा बन गया। बैठक शुरू होने से पहले माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने तृणमूल के मुखपत्र में डॉ. अजंता विश्वास का लेख प्रकाशित होने पर कहा कि डॉ. अजंता विश्वास पार्टी की सदस्य हैं। आम तौर पर लिखन के क्षेत्र में हम लोग व्यक्तिगत आजादी के मामले में हस्तक्षेप नहीं करते हैं। अब देखना है कि डॉ. विश्वास अपने लेखों में पार्टी लाइन से हटती है या नहीं। लेकिन बैठक में उक्त ‘व्यक्तिगत स्वतंत्रता’ पर सुजन की सहज-सरल प्रतिक्रिया तीखी हो गई। डॉ. विश्वास पेशे से शिक्ष्कैा है और माकपा के शिक्शक संगठन की सदस्य भी हैं। वे अपने लेख में राजनीति में बंगाल की महिलाओं की भूमिका का जिक्र किया है। खबर है कि वे अपने अगले लेख में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी उल्लेख करेंगी।
सूत्र ने बताया कि बैठक की शुरुआत डॉ. अजनता विश्वास के तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र में लिखने और उनके बारे में गहन खोजखबर से हुई। उन पर कई तरह के आरोप सामने आए। साथ ही बैठक का बहस इस बात पर केन्द्रित हो गया कि अपने पिता अनिल विश्वास के देहांत के बाद डॉ. विश्वास ने पार्टी से क्या-क्या फायदे ली हैं। उल्लेखनीय है कि माकपा के पूर्व राज्य सचिव अनिल बिश्वास बंगाल में पार्टी के संगठन को मजबूत किया था, जिसका तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी घोर विरोधी रही हैं। अनिल विश्वास माकपा के मुखपत्र गणशक्ति के संपादक भी थे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो