– सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार पाना बड़ी उपलब्धि
कोलकाता. पूर्व रेल मंत्री तथा तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद दिनेश त्रिवेदी 2019 के लोकसभा चुनाव में तीसरी बार पार्टी उम्मीदवार बनाए गए। त्रिवेदी 2009 के लोकसभा चुनाव में छह बार के सांसद माकपा के हेवीवेट प्रत्याशी तडि़त बरण तोपदार को करारी शिकस्त देकर पहली बार लोकसभा में पहुंचे। इससे पहले वे राज्यसभा सांसद थे। 2014 में त्रिवेदी 46.1 प्रतिशत वोट पाकर माकपा की सुहासिनी अली को पराजित किया था। 2019 में तीसरी बार राजनीतिक भाग्य आजमाएंगे।
विवादों में रहे-
कोलकाता. पूर्व रेल मंत्री तथा तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद दिनेश त्रिवेदी 2019 के लोकसभा चुनाव में तीसरी बार पार्टी उम्मीदवार बनाए गए। त्रिवेदी 2009 के लोकसभा चुनाव में छह बार के सांसद माकपा के हेवीवेट प्रत्याशी तडि़त बरण तोपदार को करारी शिकस्त देकर पहली बार लोकसभा में पहुंचे। इससे पहले वे राज्यसभा सांसद थे। 2014 में त्रिवेदी 46.1 प्रतिशत वोट पाकर माकपा की सुहासिनी अली को पराजित किया था। 2019 में तीसरी बार राजनीतिक भाग्य आजमाएंगे।
विवादों में रहे-
2012 में रेल बजट में किराया वृद्धि की सिफारिश कर विवादों में घिरे त्रिवेदी को तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी का कोपभाजन होना पड़ा था। ममता के फरमान पर उन्हें यूपीए-2 सरकार के रेल मंत्री पद छोडऩा पड़ा था। यही नहीं लोकसभा के इतिहास में त्रिवेदी एकमात्र रेल मंत्री रहे जिन्होंने संसद में रेल बजट पेश किया पर बजट पर जवाबी भाषण देने से वंचित रहे।
सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार-
सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार-
बैरकपुर के सांसद के रूप में त्रिवेदी को सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार मिला। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने संसद के केंद्रीय हाल में उन्हें सम्मानित किया।