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न्यायपालिका में केन्द्र सरकार का हस्तक्षेप लोकतंत्र के लिए खतरा: ममता

locationकोलकाताPublished: Jan 12, 2018 07:43:11 pm

न्यायपालिका में केन्द्र सरकार का हस्तक्षेप लोकतंत्र के लिए खतरा । सुप्रीम कोर्ट प्रकरण पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री भाजपा सरकार पर कसा तंज।

Kolkata West Bengal

कोलकाता.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों की ओर मीडिया के समक्ष सर्वोच्च न्यायालय की कार्यशैली पर सवाल उठाए जाने की घटना को दुखद करार देते हुए शुक्रवार को केन्द्र सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में केन्द्र सरकार का हस्तक्षेप लोकतंत्र के लिए खतरा है। ममता ने ट्विटर पर लिखा है ‘‘हम आज सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों के उठाए गए सवाल से दुखी हैं। सुप्रीम कोर्ट के प्रशासन के बारे में सुप्रीम कोर्ट के जजों की ओर से उठाए गए सवालों से एक नागरिक के तौर पर मैं बहुत दुखी हूं। न्यायपालिका और मीडिया लोकतंत्र के स्तंभ हैं। केंद्र सरकार का न्यायपालिका में बहुत ज्यादा दखल लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।’’ भाजपा ने ममता के इस बयान की कड़ी आलोचना की है। भाजपा ने उन्हें लोकतंत्र की दुश्मन करार दिया है।
We are deeply anguished with the developments today about the Supreme Court. What we are getting from the statement of the four senior Hon’ble Judges of Supreme Court about the affairs of the Court makes us really sad as citizens. 1/2
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) January 12, 2018
Judiciary and Media are the pillars of democracy. Extreme interference of Central Government with Judiciary is dangerous for democracy. 2/2

— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) January 12, 2018

क्या कहे हैं जज सरांश में
चीफ जस्टिस उस परंपरा से बाहर जा रहे हैं, जिसके तहत महत्वपूर्ण मामलों में निर्णय सामूहिक तौर पर लिए जाते रहे हैं। चीफ जस्टिस केसों के बंटवारे में नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। वे महत्वपूर्ण मामले, जो सुप्रीम कोर्ट की अखंडता को प्रभावित करते हैं, चीफ जस्टिस उन्हें बिना किसी वाजिब कारण के उन बेंचों को सौंप देते हैं, जो चीफ जस्टिस की पसंद की हैं। इससे संस्थान की छवि बिगड़ी है। हम ज्यादा केसों का हवाला नहीं दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने उतराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसफ और सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त करने की सिफारिश भेजी है। जस्टिस केएम जोसफ ने ही हाईकोर्ट में रहते हुए 21 अप्रैल, 2016 को उतराखंड में हरीश रावत की सरकार को हटाकर राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले को रद्द किया था, जबकि इंदु मल्होत्रा सुप्रीम कोर्ट में सीधे जज बनने वाली पहली महिला जज होंगी, जबकि सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल जस्टिस आर. भानुमति के बाद वह दूसरी महिला जज होंगी। सुप्रीम कोर्ट में तय 31 पदों में से फिलहाल 25 जज हैं, यानी जजों के 6 पद खाली हैं।

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