सिलीगुड़ी में नशा करने के लिए पैसे की खातिर एक युवक ने रविवार देर रात अपने पिता की पीट-पीट कर हत्या कर दी। आरोपी युवक का नाम अचिंतो ओरांव हैं। उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार अचिंतो नशे का आदी था। नशे के पैसे के लिए अक्सर अपने पिता चुन्नू ओरांव के साथ झगड़ा करता था। रविवार देर रात भी अचिंतो पिता के साथ झगड़ा कर रहा था। झगड़े के दौरान वह लाठी लेकर पिता पर टूट पड़ा। पिता के सिर एवं शरीर के अन्य हिस्सों पर एक के बाद एक ताबड़तोड़ वार कर लहूलुहान कर दिया। घटना के तुंरत बाद चुन्नू को उसका बड़ा बेटा अजीत ओरांव अस्पताल ले गया, जहां कुछ देर इलाज के बाद चुन्नू की मौत हो गई।
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बड़े भाई ने दर्ज कराई एफआईआर अचिंतो के बड़े भाई अजीत ओरांव ने सोमवार सुबह प्रधाननगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई। एफआईआर दर्ज होने के तुंरत बाद पुलिस ने अचिंतो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के समक्ष उसने गुनाह कबूल लिया है।
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बड़े भाई ने दर्ज कराई एफआईआर अचिंतो के बड़े भाई अजीत ओरांव ने सोमवार सुबह प्रधाननगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई। एफआईआर दर्ज होने के तुंरत बाद पुलिस ने अचिंतो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के समक्ष उसने गुनाह कबूल लिया है।
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आरोपी एक माह पहले लौटा था नशा मुक्ति केन्द्र से
स्थानीय सूत्रों के अनुसार अचिंतो के नशे की बुरी लत से उसका पूरा परिवार परेशान था। नशे की लत छुड़ाने के लिए परिवार वाले उसे दो साल पहले नशा मुक्ति केन्द्र भेजे थे। दो साल वहां रहने के बाद पिछले महीने वह घर लौटा था। घर लौटने के बाद वह फिर से नशे का आदी हो गया था। कोई कामधंधा नहीं करता था।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार अचिंतो के नशे की बुरी लत से उसका पूरा परिवार परेशान था। नशे की लत छुड़ाने के लिए परिवार वाले उसे दो साल पहले नशा मुक्ति केन्द्र भेजे थे। दो साल वहां रहने के बाद पिछले महीने वह घर लौटा था। घर लौटने के बाद वह फिर से नशे का आदी हो गया था। कोई कामधंधा नहीं करता था।
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फांसी की सजा हो जाती तो अच्छा होता पिता की मौत से मायूस अजीत ने कहा कि उसके भाई को फांसी हो जाती तो अच्छा हो जाता। उसे नशा के अलावा उसे दुनिया से कोई लेना-देना नहीं है। लाख समझाने के बावजूद नशा नहीं छोड़ा। बुरी लत के कारण पिता की जान ले ली। उसे मौत की सजा हो जाती तो अच्छा होता।
फांसी की सजा हो जाती तो अच्छा होता पिता की मौत से मायूस अजीत ने कहा कि उसके भाई को फांसी हो जाती तो अच्छा हो जाता। उसे नशा के अलावा उसे दुनिया से कोई लेना-देना नहीं है। लाख समझाने के बावजूद नशा नहीं छोड़ा। बुरी लत के कारण पिता की जान ले ली। उसे मौत की सजा हो जाती तो अच्छा होता।