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घट गया निगम का एफडी, मेयर बोले बचत नहीं सेवा है प्राथमिकता

locationकोलकाताPublished: Mar 12, 2019 05:19:48 pm

Submitted by:

Jyoti Dubey

कोलकाता नगर निगम के फिक्सड डिपॉजिट में भारी कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2010 के 588.67 करोड़ रुपए के मुकाबले वर्ष 2019 के फरवरी में यह आंकड़ा घटकर 17.10 करोड़ हो गया है।

Kolkata, Kolkata, West Bengal, India

घट गया निगम का एफडी, मेयर बोले बचत नहीं सेवा है प्राथमिकता

– कांग्रेस पार्षद का आरोप: आय में कमी की वजह से बचत में सेंध लगा रहा केएमसी

कोलकाता. कोलकाता नगर निगम के फिक्सड डिपॉजिट में भारी कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2010 के 588.67 करोड़ रुपए के मुकाबले वर्ष 2019 के फरवरी में यह आंकड़ा घटकर 17.10 करोड़ हो गया है। विपक्ष ने जहां इसे निगम के खजाने में सेंधमारी का प्रयाास बताया है, वहीं सत्तापक्ष ने बचत से ज्यादा विकास कार्यों को प्राथमिकता देने की बात कही है। सोमवार को निगम के मासिक अधिवेशन में कांग्रेस पार्षद प्रकाश उपाध्याय ने दावा किया कि वर्ष 2010 में तृणमूल सरकार के शासन में आने के बाद से निगम के राजस्व में बढ़ोतरी नहीं हुई है इसलिए फिक्स डिपॉजिट तुड़वा कर कार्य किए जा रहे हैं। वर्ष 2005 से आपातकालीन जरूरत के लिए निगम ने एफडी करना शुरू किया था।

इससे पहले कांग्रेस पार्षद प्रकाश उपाध्याय के पूछे गए प्रश्न के जवाब में मेयर फिरहाद हकीम ने बताया कि वर्ष 2005 में तत्कालीन मेयर सुब्रत मुखर्जी ने निगम के एफडी खाते में 377.16 करोड़ रुपए रखे थे। उनके बाद मेयर बने माकपा के विकास रंजन भट्टाचार्य ने निगम की जमीनें बेचकर वर्ष 2010 तक एफडी की राशि बढ़ाकर 588.67 करोड़ रुपए कर दी। 2010 में तृणमूल कांग्रेस का बोर्ड बना, अब यह राशि घटकर 17.10 करोड़ रुपए हो गई है।

मेयर ने बताया कि एफडी से शहर में विकास कार्य हुआ है। निगम का कार्य बचत करना नहीं बल्कि शहरवासियों को सेवा देना है। मेयर ने निगम के राजस्व में कमी की बात गलत ठहराते हुए कहा कि निगम कर संरचना के सरलीकरण का प्रयास कर रहा है।

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