इससे पहले कांग्रेस पार्षद प्रकाश उपाध्याय के पूछे गए प्रश्न के जवाब में मेयर फिरहाद हकीम ने बताया कि वर्ष 2005 में तत्कालीन मेयर सुब्रत मुखर्जी ने निगम के एफडी खाते में 377.16 करोड़ रुपए रखे थे। उनके बाद मेयर बने माकपा के विकास रंजन भट्टाचार्य ने निगम की जमीनें बेचकर वर्ष 2010 तक एफडी की राशि बढ़ाकर 588.67 करोड़ रुपए कर दी। 2010 में तृणमूल कांग्रेस का बोर्ड बना, अब यह राशि घटकर 17.10 करोड़ रुपए हो गई है।
मेयर ने बताया कि एफडी से शहर में विकास कार्य हुआ है। निगम का कार्य बचत करना नहीं बल्कि शहरवासियों को सेवा देना है। मेयर ने निगम के राजस्व में कमी की बात गलत ठहराते हुए कहा कि निगम कर संरचना के सरलीकरण का प्रयास कर रहा है।