कोलकाता पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक स्टंट रोकने में पुलिस सख्ती दिखाती है। कुछ लोग पुलिस की नजरों से बच कर स्टंट करते हैं और उसकी वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करते है। स्टंट रोकने के लिए कोई कानून नहीं है। लेकिन कोई सार्वजनिक प्लेस पर स्टंट करते पकड़ा गया तो , पुलिस उस पर सख्त कारवाई करती है।
क्या कहना है स्टंट विशेषज्ञों का
कोलकाता के एक स्टंट विशेषज्ञ ने बताया कि हावड़ा स्टेडियम में प्रशिक्षण प्राप्त मोटरसाइकिल स्टंट दिखाने की प्रतियोगिता सुरक्षा उपायों के साथ आयोजित होती है। स्टंट मोटरसाइकिल की खास रखरखाव की आवश्यकता होती है। सड़कों पर स्टंट करने वाले प्रशिक्षित नहीं होते हैं, न ही वे स्टंट के नियम से परिचित होते हैं।
उत्तर कोलकाता बाइकर्स ग्रुप के मोहित साव के मुताबिक स्टेप (चलती बाइक रोक कर पिछले पहिए को ऊपर की ओर उठाना), क्राइस्ट (बाइक चलाते हुए सीट पर खड़ा होकर अपने दोनों हाथों को हवा में लहराना), ३६०( एक जगह पर पांव रखकर बाइक को चारों ओर घुमाना) व हैंडल सर्कल (हाथ की बजाय पैर से मोटरसाइकिल को नियंत्रित करना) खतरनाक स्टंट है। प्रशिक्षण प्राप्त किए बिना इस तरह के स्टंट जानलेवा हो सकते हैं।
पूर्व बाइकर हिमाद्री बसु के मुताबिक सड़कों पर स्टंट नहीं किया जाता है। बाइस स्टंट के कड़े नियम हैं। बिना प्रशिक्षण के स्टंट नहीं करना चाहिए। क्या कहना है मनोरोग विशेषज्ञों का मनोरोग विशेषज्ञ श्यामल बनर्जी के मुताबिक स्टंट करने वाले व इसके शिकार होने वाले ज्यादातर किशोरवय चालक होते हैं। उनमें स्टंट दिखाने की ललक सोशल मीडिया पर कमेन्ट पाने की चाह से पैदा हो रही है।
मनोरोग विशेषज्ञ अविनाश देव के मुताबिक दोस्तों की देखादेखी किशोर खतरनाक स्टंट कर रहे हैं। स्टंट जैसे जानलेवा खेल रोकने के लिए कानून व्यवस्था का सख्त होना जरूरी है।