अगस्त 1947 के बाद फिरहाद पहले मुस्लिम मेयर होने जा रहे हैं। इससे पहले 1935 में ए.के. फजलूल हक मेयर बने थे। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान देशवंधु चित्तरंजन दास, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, देशप्रिय यतीन्द्र मोहन सेनगुप्ता, विधान चंद्र राय जैसे व्यक्तित्व ने कलकत्ता के प्रथम नागरिक (मेयर) होने का गौरव प्राप्त किया है।
नगर निगम में तृणमूल कांग्रेस पार्षदों की संख्या के दृष्टिकोण से हकीम का चुना जाना लगभग तय है। इस बात से आश्वस्त फिरहाद सोमवार को बंगाली वेशभूषा में रह कर मेयर पद की शपथ लेने की तैयारी कर रहे हैं। उनके पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि फिरहाद अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ नगर निगम पहुंचेंगे। फिरहाद ने रविवार सुबह चेतला-अलीपुर फुटबाल एसोसिएशन की ओर से आयोजित वॉक फॉर फुटबाल कार्यक्रम में हिस्सा लेते वक्त संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जात-पात की राजनीति में उन्हें कोई आस्था नहीं है। एक भारतीय के रूप में जनहित में काम करना उनकी प्राथमिकता रही है। मेयर के रूप में कोलकातावासियों की उम्मीदों पर खरा उतरने की उनकी कोशिश होगी।