यह है मेनू :- प्रवासी श्रमिकों को चावल, दाल (दालें), शुक्तो (सब्जी स्टू), खिचड़ी और पापड़ परोसे जाएंगे। यहां स्थित है रसोई तीन ममता के रसोई- हावड़ा, बेलगछिया और बैरकपुर में स्थित हैं। यहां पहले से ही प्रवासियों को भोजन परोसना शुरू किया जा चुका है।
क्लबों की मदद :- पश्चिम बंगाल सरकार विभिन्न पार्टी क्लबों की मदद से राज्य भर में इसकी अधिक शुरुआत करने की योजना बना रही है, ताकि जरूरतमंदों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा सके, क्योंकि बंगाल को दुर्गा पूजा की शुरुआत के साथ उत्सवों में डूबने के लिए तैयार किया गया है।
तृणमूल विधायक ने कहा ममता बनर्जी के नेतृत्व में हम उनलोगों के बगल में खड़ा होने का फैसला किए हैं, जो मुख्य रूप से वंचित और असंगठित क्षेत्रों के हैं। क्योंकि महामारी की स्थिति के कारण उन्हें बहुत नुकसान हुआ है। हमें उम्मीद है कि दीदीर रानाघर से उन्हें काफी लाभा मिलेगा। उन्होंने कहा कि दुर्गपूजा में पार्टी गरीबों को कपड़े दान करने की भी योजना बना रही है ताकि वे दुर्गा पूजा के दौरान नए कपड़े पहन सकें। पार्टी ने इन रसोई में उचित स्वच्छता की गारंटी दी है। पहल को लोकप्रिय बनाने के लिए सार्वजनिक स्वच्छता पर संदेश वाले पोस्टर भी लगाए जाएंगे।
सात सौ श्रमजीवी कैंटीन :- राज्य में माकपा ने पहले से ही श्रमजीवी कैंटीन शुरू कर चुकी है। इस नाम से राज्य भर में लगभग 700 रसोई घर शुरू किए गए हैं। माकपा की ओर से 50 स्वास्थ्य क्लीनिक भी शुरू किए गए हैं।