पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, असम, आंध्र प्रदेश, मेघालय और त्रिपुरा में एक बड़ा तबका जूट उद्योग से जुड़ा है। एक अनुमान के अनुसार 3.7 लाख श्रमिक तथा 40 लाख किसान प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। केंद्र सरकार ने जूट पैकेजिंग मैटेरियल एक्ट-1987 को ध्यान में रखते हुए खाद्यान्नों और चीनी की पैकिंग में जूट के बोरे का इस्तेमाल करने का सख्त निर्देश जारी किया है। केंद्र ने अब 90 फीसदी खाद्यान्नों और 20 फीसदी चीनी उत्पादों की पैकिंग जूट के बोरे में करने को अनिवार्य किया है। जूट उद्योग मुख्यत: केंद्र तथा विभिन्न सरकारी एजेंसियां सरकार के जूट उत्पादों की खरीद पर निर्भरशील है। केंद्र तथा सहयोगी एजेंसियां हर साल 5,500 करोड़ रुपए के जूट के बोरे खरीद करती है।सरकार के निर्णय से जूट किसानों व श्रमिकों में खुशी की लहर है। इधर, व मंत्रालय के अंतर्गत उप जूट आयुक्त दीपांकर महतो ने पत्रिका को बताया कि केंद्र की प्राथमिकता खाद्यान्नों और चीनी की पैकिंग में 100 फीसदी जूट के बोरे का इस्तेमाल करना है।