उन्होंने कोलकाता में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय विधान भवन में शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एनआरसी और एनपीआर एक सिक्के के दो पहलू के समान है। इसके खिलाफ देश व्यापी चल रहे आंदोलन में सभी विपक्षी दलों को एक साथ आने का उन्होंने आह्वान किया। उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी के विफल होने के बाद, नरेंद्र मोदी सरकार ने तुरंत अपना पैंतरा बदल दिए। अब वह एनपीआर के बारे में बात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी का जनता विरोध कर रही है। विभिन्न शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थी भी अब इसके खिलाफ मुखर हो रहे हैं। ऐसे में भाजपा विरोधी सभी पार्टियों को एक मंच पर आकर मजबूत आंदोलन करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि गत 13 जनवरी को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उक्त मुद्दे के खिलाफा समस्त विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी। जिसमें तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो तथा पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी, बीएसपी और डीएमके शामिल नहीं हुई थी। हालांकि ये सभी दल सीएए, एनपीआर और एनआरसी के विरोध में हैं।
पार्क सर्कस मैदान में प्रदर्शनकारी महिलाओं और बच्चों के बीच पहुंचेः
पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदम्बरम अपने कोलकाता प्रवास के दौरान पार्क सर्कस में सीएए के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन में शामिल हुए। जहां पिछले कई दिनों से मुस्लिम सम्प्रदाय की महिलाएं और बच्चे धरना पर बैठे हैं। चिदम्बरम प्रदर्शनकारियों के बीच जाकर वहां मौजूद लोगों को इस बात से आश्वस्त किया कि कांग्रेस पार्टी उनके साथ है। उन्होंने कई यूनिवर्सिटी में हुए छात्रों के हालिया प्रदर्शन को लेकर कहा कि मुझे गर्व है कि छात्र संवैधानिक सम्प्रभुता और संवैधानिक नैतिकता जैसी अमूर्त चीजों के आवाज बुुलंद कर रहे हैं।