मंदिर के पुजारी बुद्धदेव गोस्वामी का कहना है कि प्रतिमा जागृत है। चोर चोरी करके उसे ले जाने में असमर्थ हुआ होगा और उसे बीच में ही दूसरी राधा-कृष्ण मंदिर में रखने को बाध्य होना पड़ा होगा। रविवार को ही प्रतिमा को गंगा जल से शुद्ध कर प्रतिस्थापित किया गया। यह घटना पूरे गांव में चर्चा का विषय है।