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कोलकाता के चार दिवसीय दौरे पर फ्रांसीसी प्रतिनिधि

locationकोलकाताPublished: Sep 24, 2018 11:19:57 pm

Submitted by:

Prabhat Kumar Gupta

भारत में फ्रांस के दूतावास के सौजन्य से एक प्रतिनिधिदल चार दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को कोलकाता पहुंचने वाला है।

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कोलकाता के चार दिवसीय दौरे पर फ्रांसीसी प्रतिनिधि

– तलाश रहे जूट व प्राकृतिक रेशा का बेहतर भविष्य
कोलकाता.

भारत में फ्रांस के दूतावास के सौजन्य से एक प्रतिनिधिदल चार दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को कोलकाता पहुंचने वाला है। जूट और प्राकृतिक रेशे के बेहतर भविष्य और इसकी संभावनाओं को लेकर संगोष्ठी का आयोजन से लेकर जूट मिलों, जूट पर शोध कर रही केंद्रीय सरकार की संस्थाओं के साथ मिलने की इनकी योजना है। प्रतिनिधिदल में फ्रांस की ८ कम्पनियां, विवि. और फ्रेंच कलस्टर ऑफ इंडस्ट्री एंड एग्रो-रिसोर्स (आईएआर) शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि फ्रेंच ट्रेड एंड इन्वेस्टमेन्ट कमीशन के नेतृत्व में प्रतिनिधिदल इस मुद्दे पर भारत (कोलकाता) और बांग्लादेश के दौरे पर है। सूत्रों ने बताया कि कोलकाता आने से पहले प्रतिनिधिदल बांग्लादेश की राजधानी ढाका में जुट उद्योग से जुड़े समस्त हिस्सेदारों के साथ मिला। कोलकाता प्रवास के दौरान विदेशी प्रतिनिधिदल विभिन्न जूट मिल मालिकों का संगठन (इजमा), केंद्रीय सरकार की संस्थान इंडियन जूट इंडस्ट्रीज रिसर्च एसोसिएशन (इजिरा) और इंडियन कांउसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (आईसीएआर) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च ऑन जूट एंड अलायड फाइबर टेक्नोलॉजी (निर्जाफ्ट) के साथ मुलाकात करेगा। विदेशी प्रतिनिधिदल भारतीय जूट उद्योग से जुड़े लोगों तथा जूट पर शोध करने वाली सरकारी संस्थाओं के साथ अपने विचारों का आदान प्रदान करेंगे। माना जाता है कि भारत कच्चे जूट और जूट उत्पादों का विश्व नेता है जबकि बांग्लादेश जूट उत्पादों का प्रमुख निर्यातक है। फ्रांस की कम्पनियों का उद्देश्य जूट और प्राकृतिक फाइबर क्षेत्र के आधुनिकीकरण पर जोर देना है।
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जूट श्रमिकों की समस्याओं पर गंभीर हुई राज्य सरकार
– श्रमिक संगठनों और मिल प्रबंधन से मांगे सुझाव
कोलकाता.

पश्चिम बंगाल सरकार ने जूट श्रमिकों की समस्याओं पर गंभीरता दिखाई है। श्रम विभाग ने वेतन वृद्धि समेत कई अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए सभी केंद्रीय श्रमिक संगठनों और जूट मिल मालिकों की मंगलवार को बैठक बुलाई है। श्रम मंत्री मलय घटक जूट उद्योग से जुड़े पक्षों के साथ बातचीत करेंगे। सूत्रों ने बताया कि अतिरिक्त श्रम आयुक्त रीना टारगेन ने सभी पक्षों के नाम पत्र जारी कर बैठक के लिए एक-एक प्रतिनिधि भेजने का आग्रह किया है। श्रमिक संगठनों के अनुसार जूट श्रमिकों का वेतन पुनर्गठन का मामला काफी समय से लंबित है। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से लागू श्रमिक कल्याण से जुड़ी योजनाओं का ठीक ढंग लागू नहीं होना प्रमुख समस्या है। श्रम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जूट श्रमिकों और उद्योग के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार आम सहमति वाले चार्टर ऑफ डिमाण्ड को प्राथमिकता देगी।
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