– रसोई से बचा कचरा रोज संग्रहित होगा। सूखा व अजैविक कचरा सप्ताह में एक या दो दिन संग्रहित किया जाएगा।
-विभिन्न निकायों के लिए 10 लाख डिब्बों की व्यवस्था की गई है। 30 लाख डिब्बों के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने वाली है। वहीं 40 लाख डिब्बों के लिए टेंडर शीघ्र जारी होगा। शहरी विकास विभाग ने एक करोड़ से अधिक डिब्बे निकायों को उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है।
-14 से 21 मार्च 2020 तक विशेष अभियान चलाकर निकायों को कचरा मुक्त करने का लक्ष्य दिया गया है।
कचरा निस्तारण के लिए निकायों में डंपिंग ग्राउंड की समस्या है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि पहले खास जमीन खोजी जाए। जमीन नहीं मिलने पर कई निकायों को ‘क्लस्टरÓ बनाकर कचरा फेंकने की व्यवस्था करनी होगी। कचरा रिसाइकलिंग के लिए हर निकाय को कंपोस्टिंग मशीन दी जाएगी। अन्य सामग्री अलग करने के लिए राज्य के 88 विभिन्न इलाकों में जमीन की पहचान की गई है।
विकास बढ़ा रहा कचरा
आधुनिकता एवं विकास के साथ लोग सुविधा पसंद ज्यादा हो रहे हैं। इसी कारण कचरा बढ़ता जा रहा है। लोग जरूरत से ज्यादा चीजों का इस्तेमाल करते हैं और अनुपयोगी वस्तुएं इधर-उधर फेंक भी देते हैं। भोजन, पुराने कपड़े, टायर, पुराने असबाब, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद आदि कचरा बढ़ा रहे हैं। नई चीजें खरीदने और इस्तेमाल करने की हमारी आदत और क्षमता बढ़ती जा रही है, परन्तु इसके उचित निस्तारण के प्रति हम सतर्क नहीं हैं। इसी कारण कचरे को संभालने में भी नाकाम हो रहे हैं।
-सुब्रत गुप्ता, प्रधान सचिव, नगरपालिका और शहरी विकास विभाग
ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर नगरपालिका और शहरी विकास विभाग काफी दृढ़ हैं। 14-21 मार्च तक राज्यव्यापी अभियान चलाया जाएगा। स्वच्छता और कचरा प्रबंधन के इस महाअभियान में स्थानीय निकायों, क्लबों, गैर सरकारी संस्थाओं, स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए माइक्रो प्लानिंग एजेंसियां नियुक्त की गई हैं। एक-एक एजेंसियों के अधीन 5-6 निकाय होंगे। सरकार के प्रयासों के साथ आमजन को भी इस अभियान में अहम भूमिका निभानी होगी।
फिरहाद हकीम, मंत्री, नगरपालिका व शहरी विकास विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार