उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर मेयर रीलिफ फंड से प्रत्येक पीडि़त हॉकर को 20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दिने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही उनके लिए पहिया वाले स्टॉल के डिजाइन भी तैयार करए जा रहे हैं। एक महीने के अंदर ही यह कार्य पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा गरियाहाट में दुकान चलाने वाले हॉकरों के लिए निगम कई और नियमावली तैयार करने वाला है। इस विषय पर हॉकरों से चर्चा करने के लिए मंगलवार को निगम मुख्यालय में एक बैठक भी बुलाई गई है। गौरतलब है कि सोमवार को उत्तरबंगाल के दौरे पर जाने से पूर्व मुख्यमंत्री ने गरियाहाट अग्निकांड को दुखद बताते हुए कहा कि सरकार की ओर से पीडि़तों को हर संभव सहायता दी जाएगी।
– हॉकरों को प्लास्टिक के इस्तेमाल पर लगानी होगी रोक : मेयर
मेयर ने कहा कि शहर के हॉकरों को प्लास्टिकतिरपाल के इस्तेमाल को बंद करना होगा। उन्होंने कहा कि गरियाहाट, श्यामबाजार, बेहला, न्यूमार्केट आदि कई बाजार हैं जहां हॉकर प्लास्टि तिरपाल से अपने स्टॉल को बनाते हैं और बंद करते वक्त उससे ही ढककर चले जाते हैं। यह ज्वलनशील है, साथ ही पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है। इसीलिए निगम की ओर से प्लास्टिक तिरपाल के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगाने का निर्देश दिया जाएगा। इसका अनुकरण नहीं करने पर हॉकरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं मेयर ने यह भी कहा कि मंगलवार को होने वाली बैठक में हॉकरों के पास प्रस्ताव रखा जाएगा की वे अपनी दुकानों को लगाने के लिए पहिए वाले स्टॉल का इस्तेमाल करें। इसके अलावा उन्होंने बताया कि बाजार इलाकों में विज्ञापनों के बड़े होर्डिंग लगाने पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि दुर्घटनाग्रस्त बहुमंजिले मकान के दुकानदारों के पास ट्रेड लाइसेंस थे या नहीं, मेयर इसका जवाब नहीं दे सकें। उन्होंने बताया कि इस पर जांच की जा रही है।