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कोरोना काल में गिलोय की मांग चरम पर

locationकोलकाताPublished: Nov 22, 2020 05:18:07 pm

Submitted by:

Rabindra Rai

कोविड महामारी के दौरान राज्य सहित देशभर में औषधीय पौधों की मांग चरम पर है। हाल यह है कि औषधीय पौधों को ढूंढकर लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विभिन्न रूपों में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। आँकड़ों की मानें तो भारत करीब 5000 करोड़ रुपए के औषधीय पौधों का निर्यात करता है लेकिन आने वाले दिनों में इसमें बहुत संभवनाएं है

गिलोय

गिलोय

20 रुपए किलो वाले गिलोय की कीमत 300 तक
औषधीय पौधे: देश में है व्यापक संभावनाएं
रेनू सिंह
कोलकाता.
कोविड महामारी के दौरान राज्य सहित देशभर में औषधीय पौधों की मांग चरम पर है। हाल यह है कि औषधीय पौधों को ढूंढकर लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विभिन्न रूपों में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। आँकड़ों की मानें तो भारत करीब 5000 करोड़ रुपए के औषधीय पौधों का निर्यात करता है लेकिन आने वाले दिनों में इसमें बहुत संभवनाएं है। शायद यही वजह है कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा कर चुकी मोदी सरकार ने एरोमा मिशन शुरू किया है,जिसके तहत औषधीय खेती और इससे जुड़ी इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया जा रहा है। मेडिसिनल और एरोमैटिक प्लांट आधारित इंडस्ट्री 15-17 फीसदी की दर से सालाना बढ़ रही है। भारत में इसका व्यापार करीब 1,50,00,000 करोड़ रुपए का है।

इन पौधों की मांग में तेजी
कोविड के दौरान गिलोय, तुलसी सहित कई औषधीय पौधों की मांग बढ़ी है। 20 रुपए किलो वाले गिलोय की कीमत 300 तक पहुंच गई है। इसके अलावा तुलसी, आंवला, जामुन, बेल, ब्राह्मी, अश्वगंधा, नीम, एलोवेरा, पीपल, अदरक, पपीता, कालमेघ, अश्वगंधा, मेंथा, पिपरमिंट, एलोवरा, लेमनग्रोस (नींबू घास) पामारोजा, तुलसी, जिरेनियम और सिट्रोनेला की मांग है। पौधों के अर्क को प्राकृतिक पदार्थों से निकाला जाता है, अर्क में फाइटोकेमिकल तत्व होते हैं।

किसान करेंगे खेती
नेशनल प्लांट बोर्ड की एक परियोजना के तहत विभिन्न राज्य में किसान गिलोय की खेती करेंगे। बोर्ड सूत्रों ने बताया कि अब औपचारिक रूप में इसकी खेती करके इसका सीधा मुनाफा किसानों को मिलेगा। किसानों को सरकार मदद करेगी और वे गिलोय की खेती कर सकते हैं। इसके साथ ही खेती करने के तरीके के बारे में भी सरकार की ओर से प्रशिक्षण दिया जाएगा।

7500 प्रकार के औषधीय पौधे
लगभग 10 हजार रसायन हमें पेड़े पौधों से मिलते हैं। पौधे के बीज, फल, तना, पत्तियां तथा फूल सभी औषधियों के रूप में काम आते हैं। भारत में 42 हजार 610 प्रकार के पौधे पाए जाते हैं, जो कि विश्व के पौधों का 6.7 फीसद है। भारत में 7500 पौधे हैं, जिनका इस्तेमाल औषधीय व्यापार में किया जाता है। इनमें औषधि के रूप में 701 प्रजातियां काम आती हैं।

मिलेगा रोजगार व स्वास्थ्य
आयुष मंत्रालय के तहत नेशनल प्लांट बोर्ड ऑफ इंडिया (दिल्ली) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. जे एल एन शास्त्री ने कहा कि औषधीय पौधों की मांग कई गुना बढ़ी है। गिलोय की मांग कोविड के दौरान चरम पर रही। भविष्य में यह मांग और बढ़ेगी। इससे देश के किसानों को रोजगार व स्वास्थ्य दोनों मिलेगा। जल्द ही यह योजना देश के सभी राज्यों में लागू होगी।

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