कोलकाता

पूजा कमेटियों को २८ करोड़ देने पर फिलहाल रोक

कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता सरकार को दिया बड़ा झटका, पूछा कोषागार है खाली तो फिर पैसे क्यों लुटा रही है सरकार
 

कोलकाताOct 05, 2018 / 10:56 pm

Rabindra Rai

पूजा कमेटियों को २८ करोड़ देने पर फिलहाल रोक

 
कोलकाता कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य की 28 हजार दुर्गापूजा कमेटियों को दस-दस हजार रुपए देने की राज्य सरकार की घोषणा पर शुक्रवार को अंतरिम रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई। इस सिलसिले में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश देवाशीष करगुप्ता की खंडपीठ ने राज्य सरकार पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि एक तरफ तो सरकार कहती है कोषागार खाली है तो फिर वह जनता के पैसों को क्यों लुटा रही है? हाईकोर्ट ने पूजा कमेटियों को पैसे देने के राज्य सरकार के फैसले पर मंगलवार तक के लिए रोक लगा दी। मंगलवार तक किसी पूजा कमेटी को रुपए नहीं दिए जा सकेंगे। हालांकि पूजा कमेटियों को रुपए देने का काम पहले ही शुरू हो चुका है। अदालत ने सवाल उठाया कि राज्य में हजारों पूजा कमेटियां हैं। फिर 28 हजार दुर्गापूजा कमेटियों का चयन किस आधार पर किया गया। इस संबंध में सरकार ने कौन-सा दिशा-निर्देश तय किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने सरकार से पूछा कि पूजा कमेटियों को आर्थिक मदद देने का आधार क्या है? सरकार किस आधार पर राजस्व का पैसा दुर्गा पूजा समारोह पर खर्च कर रही है। क्या सरकार सभी धर्मों के हर प्रमुख त्यौहार के लिए समान राशि देती है?–सरकार ने क्या दी दलीलसरकारी अधिवक्ता ने दलील दी कि सरकार ने पूजा कमेटियों को रुपए देने का फैसला इसलिए किया ताकि सेफ ड्राइव सेव लाइफ के प्रति जनता में जागरूकता लाई जा सके। सरकारी पैसों से पूजा कमेटियां इस सिलसिले में बैनर-पोस्टर लगाएंगी। –मुख्य न्यायाधीश ने उठाए सवाल कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह काम सरकार खुद कर सकती थी। अदालत ने यह भी कहा कि जिन पूजा कमेटियों को रुपए दिये जा रहे हैं उन्होंने रुपए का इस्तेमाल ठीक ढंग से किया है? इसकी देखरेख कौन करेगा। जिनके रुपए बच जाएंगे? क्या वो सरकार को रुपए लौटाएंगे। सरकार को अदालत के इन सवालों के जवाब मंगलवार को देना होगा। तब तक पूजा कमेटियों को रुपए नहीं दिये जा सकेंगे। अगली सुनवाई मंगलवार को होगी। याचिका में कहा गया है कि इस प्रकार रुपए देना असंवैधानिक है।–मौलवियों ने जताया था विरोध वहीं राज्य सरकार के इस फैसले पर मौलवियों ने विरोध जताया था। नाराज मौलवी सड़कों पर उतर गए थे। प्रदर्शनकारी मौलवियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मांग की थी कि वह जब दुर्गा पूजा पंडाल के लिए 28 करोड़ रुपए दे सकती हैं तो उन्हें मिलने वाले स्टाइपेड को 2500 से बढ़ाकर 10 हजार रुपए कर दें।(विधि संवाददाता)
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