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DA: इस राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी

locationकोलकाताPublished: May 20, 2022 11:59:36 pm

Submitted by:

Rabindra Rai

इस राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। high court ने राज्य सरकार को तीन माह में राज्य कर्मचारियों के बकाया DA का भुगतान करने का आदेश दिया है।

DA:  इस राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी

DA: इस राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी

छह महीने के भीतर एरियर का भुगतान
दस लाख से ज्यादा वेतनभोगियों और पेंशनरों को लाभ
कोलकाता. इस राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है।
कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को तीन माह में राज्य कर्मचारियों के बकाया महंगाई भत्ते (डीए) का भुगतान करने का आदेश दिया है। राज्य सरकार को छह माह के भीतर एरियर का भुगतान भी करना होगा। हाईकोर्ट के इस फैसले से राज्य सरकार के कर्मचारियों की छह साल से चली आ रही कानूनी लड़ाई खत्म होती दिख रही है। हालांकि सूत्रों के अनुसार पीठ के फैसले को राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।

महंगाई भत्ता कर्मचारियों का मौलिक अधिकार
न्यायाधीश हरीश टंडन तथा रवीन्द्रनाथ सामंत की खंडपीठ ने शुक्रवार को कहा कि डीए सरकारी कर्मचारियों का संवैधानिक तथा मौलिक अधिकार है। इससे कर्मचारियों को वंचित नहीं किया जा सकता है। राज्य सरकार को अपने कर्मचारियों को केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तरह महंगाई भत्ता देना होगा।

सैट का आदेश रखा बहाल
राज्य न्यायिक प्राधिकरण (सैट) ने वर्ष 2019 में राज्य कर्मचारियों को केंद्र सरकार की तर्ज पर महंगाई भत्ता देने का आदेश दिया था। जिसे राज्य सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की दलील थी कि सरकारी कोष में पैसों का अभाव है। इसलिए सरकार अपने सामथ्र्य के अनुरूप महंगाई भत्ता देगी। खंडपीठ ने सरकार की इस दलील को खारिज कर दिया और सैंट के फैसले को ही बहाल रखा। वर्ष 2016 से ही कर्मचारी कभी सैट में तो कभी हाईकोर्ट में डीए की कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। अब राज्य सरकार को वर्ष 2009 से 31 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता देना होगा।

हम भी तैयार हैं सुप्रीम कोर्ट के लिए
राज्य सरकार कर्मचारी संघ के महासचिव मलय मुखर्जी ने कहा कि यदि राज्य सरकार हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देती है तो संघ भी मामले में पक्षकार बनने को तैयार है। संघ जल्द ही उच्चतम न्यायालय में केविएट दायर करेगा।

सत्ता-विपक्ष मे ंशुरू हुई जुबानी जंग
राज्य सरकार के पास स्थानीय क्लबों और पूजा समितियों को धन देने के लिए पैसा है, लेकिन वह अपने कर्मचारियों को उनके अधिकार से वंचित कर रही है। पार्टी हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत करती हैं। राज्य सरकार दान देने में विश्वास करती है और लोगों को उनके उचित अधिकार से वंचित करती है।
शमिक भट्टाचार्य, भाजपा प्रवक्ता

सरकार सीमित संसाधनों से राज्य चला रही है। करोड़ों लोगों को लोकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा गया है। उनके खातों में हर महीने पैसे जा रहे हैं। केंद्र सरकार के पास राज्य का 97,000 करोड़ रु. बकाया हैं। वे राज्य सरकार के प्रतिनिधि नहीं है इसलिए डीए मामले पर टिप्पणी वहीं करेंगे।
जय प्रकाश मजूमदार, तृणमूल कांग्रेस उपाध्यक्ष
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