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मौलवियों की इस हरकत से सरकार परेशान

locationकोलकाताPublished: Apr 03, 2020 05:28:47 pm

Submitted by:

Rabindra Rai

दिल्ली के निजामुद्दीन तब्लीगी मरकज से लौटने वाले कई मौलवियों की इस हरकत से पश्चिम बंगाल सरकार परेशान हो गई है। अभी तक तब्लीगी मरकज से लौटने वाले 66 लोगों को चिन्हित करके उन्हें राजारहाट के न्यूटाउन में क्वॉरेंटाइन किया गया है। शुक्रवार को पश्चिम मिदनापुर समेत अन्य स्थानों पर तलाशी अभियान चलाकर 11 ऐसे लोगों को पकड़ा गया। सीएम ममता बनर्जी ने दावा किया था कि बंगाल के 71 लोगों ने जमात में हिस्सा लिया था। पता चला है कि मौलवियों ने लगातार कई मजहबी जनसभाएं की हैं

मौलवियों की इस हरकत से सरकार परेशान

मौलवियों की इस हरकत से सरकार परेशान

कोलकाता. दिल्ली के निजामुद्दीन तब्लीगी मरकज से लौटने वाले कई मौलवियों की इस हरकत से पश्चिम बंगाल सरकार परेशान हो गई है। अभी तक तब्लीगी मरकज से लौटने वाले ६६ लोगों को चिन्हित करके उन्हें राजारहाट के न्यूटाउन में क्वॉरेंटाइन किया गया है। शुक्रवार को पश्चिम मिदनापुर समेत अन्य स्थानों पर तलाशी अभियान चलाकर 11 ऐसे लोगों को पकड़ा गया। सीएम ममता बनर्जी ने दावा किया था कि बंगाल के 71 लोगों ने जमात में हिस्सा लिया था।
पता चला है कि मौलवियों ने लगातार कई मजहबी जनसभाएं की हैं और उनके संपर्क में हजारों लोग आए हैं। यह जानकारी मिलने के बाद राज्य सरकार की चिंता और बढ़ गई है। गुरुवार को राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ये सारे लोग 19 से 20 मार्च के बीच पश्चिम बंगाल आए थे। उसके बाद लगातार मजहबी जनसभाएं और जलसे करते रहे हैं। इसीलिए इनके संपर्क में कितने लोग आए हैं यह पता लगा पाना संभव नहीं हो पा रहा है।
विभाग का कहना है कि मरकज में शामिल होने वाले सारे लोगों को चिन्हित कर लिया गया है लेकिन चिंता की बात है कि ये लोग निजामुद्दीन से लौटने के बाद लगातार जनसभाएं और कार्यक्र कर रहे थे।
इससे पहले बुधवार रात पश्चिम मेदिनीपुर जिला प्रशासन ने खडग़पुर में नौ ऐसे लोगों को चिन्हित किया है जो निजामुद्दीन के मरकज में गए थे। उन्हें राजारहाट के क्वॉरेंटाइन सेंटर में लाया गया है। इनमें से सात लोग मलेशिया के नागरिक हैं, बाकी दो भारतीय हैं। ये लगातार कई दिनों से जगह-जगह घूमकर जनसभाएं आदि कर रहे थे।

11 मार्च को गए थे दिल्ली
पश्चिम मेदिनीपुर जिला प्रशासन के मुताबिक सबसे पहले ये लोग 11 मार्च को दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में गए थे। 15 मार्च तक मजहबी जलसे में शामिल होने के 2 दिन के बाद 17 मार्च को पूर्वा एक्सप्रेस से दिल्ली से खडग़पुर लौटे हैं। खडग़पुर आने के बाद सबसे पहले वे स्थानीय रायतुल अमान मस्जिद में रहे थे। वहां 19 मार्च तक ठहरने के बाद 22 तारीख को खडग़पुर के बिलाल मस्जिद में चले गए। उसके बाद ईदगाह मस्जिद में पहुंचे। 26 मार्च को ईदगाह मस्जिद से सीतकुई मस्जिद गए। इन सभी जगहों पर इन लोगों ने जन सभाएं और जलसे किये। बुधवार रात इन्हें सातकुई मस्जिद से हिरासत में लेकर कोलकाता के क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा गया है। यानी कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में लाये जाने से पहले एक जगह से दूसरी जगह जाकर मजहबी जलसे और जनसभाएं करने के दौरान कितने लोग इनके संपर्क में आए, इसका पता लगा पाना स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।

कई मस्जिदों से किया चिह्नित
राज्य गृह विभाग के सूत्रों ने बताया है कि मंगलवार और बुधवार को कोलकाता पोर्ट तथा मध्य कोलकाता की भी कई मस्जिदों से ऐसे 8 लोगों को चिन्हित कर क्वॉरेंटाइन सेंटर लाया गया है जो निजामुद्दीन मरकज के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इनमें बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड के लोग भी हैं। ये सारे लोग कोलकाता में मजहबी प्रचार-प्रसार के लिए आए थे और अलग-अलग मस्जिदों में घूमते फिरते रहे हैं। इसी तरह आसनसोल की कई मस्जिदों से 30 लोग निजामुद्दीन के मरकज में गए थे, इन सभी को क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेजा गया है।

तलाश जारी
विधाननगर पुलिस सूत्रों के अनुसार राजारहाट के हज हाउस में कुल 215 लोगों को क्वॉरेंटाइन किया गया है। इनमें वे लोग भी हैं जो निजामुद्दीन के मरकज में शामिल हुए थे और कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इनके संपर्क में आए हैं। अभी भी कई लोगों की तलाश उत्तर 24, परगना, दक्षिण 24 परगना और राज्य के अन्य क्षेत्रों में की जा रही है। ा
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