‘कविताओं में हो सकारात्मक संदेश’
कोलकाताPublished: Apr 16, 2019 01:49:33 pm
कवि-कुंभ में 32 कवि सम्मानित
‘कविताओं में हो सकारात्मक संदेश’
कोलकाता. कविताओं में सदैव सकारात्मक संदेश होना चाहिए, नकारात्मक संदेश विनाशकारी हो सकता है। बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय ज्ञानवद्र्धक एवं प्रेरक साहित्यिक संस्थान है। इसके समारोहों में देश-समाज एवं साहित्य के प्रति निष्ठा का भाव बार-बार साहित्यप्रेमियों को आकृष्ट करता रहता है। कवि-कुंभ की परिकल्पना अपने में बहुत ही अर्थपूर्ण है। राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने ओसवाल भवन सभागार में बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय के तत्वावधान में तीन सत्रों में आयोजित कवि-कुंभ के अवसर पर महानगर के चयनित 32 कवियों को सम्मानित करने के उपरांत बतौर अध्यक्ष यह उद्गार व्यक्त किए। कवियों को सम्मान स्वरूप अंग वस्त्र, प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। राज्यपाल ने कहा कि कवि-कुंभ के माध्यम से जिस परंपरा की कुमारसभा ने शुरुआत की है, वह ऐतिहासिक, अविस्मरणीय है। समापन सत्र में राज्यपाल ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।
उन्होंने लगभग ४० मिनट की प्रस्तुति में जिन बहुरंगी कविताओं का पाठ किया उनमें बूढ़ों में भी बचपन होता है, अजगर और आदमी, मैं मानव हूं मानवता का अनुगीत सुनाने आया हूं….आदि प्रमुख रही। मुख्य वक्ता नन्दलाल शाह ने कवि-कविता की महत्ता पर अपने विचार व्यक्त किए। महानगर के सम्मानित 32 कवियों में योगेन्द्र शुक्ल सुमन, काली प्रसाद जायसवाल, बनेचन्द मालू, बंशीधर शर्मा, सुशीला चनानी, गिरिधर राय, रावेल पुष्प, मृदृला कोठारी, सविता पोद्दार, रणजीत सिन्हा, इन्दु चाण्डक आदि शामिल थे। प्रथम सत्र की अध्यक्षता आलोचक श्रीनिवास शर्मा ने की तथा प्रधान अतिथि आईआईटी खडग़पुर के राजभाषा अधिकारी डॉ. राजीव रावत थे। संचालन बंशीधर शर्मा एवं मंगलाचरण डॉ. तारा दुगड़ ने किया। कवि कुंभ की परिकल्पना प्रस्तुत करते हुए कुमारसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेमशंकर त्रिपाठी ने कहा कि हिन्दी भाषा-साहित्य के उन्नयन में कोलकाता महानगर के कवियों का उल्लेखनीय अवदान रहा है। स्वागत किया महावीर बजाज, रामपुकार सिंह, डॉ. कमल कुमार, डॉ. रामप्रवेश रजक, अरुण चूड़ीवाल, भागीरथ चांडक एवं कमलेश मिश्र ने किया। दुर्गा व्यास, डॉ. राजश्री शुक्ला महावीर प्रसाद बजाज, नीलम अग्रवाल, दुर्गाचरण मिश्र, अरुण प्रकाश मल्लावत, भागीरथ सारस्वत, चन्द्र कुमार जैन, सत्येन्द्र सिंह अटल, नारायण व्यास, सत्यप्रकाश राय, रामचन्द्र अग्रवाल, गुड्डन सिंह आदि सक्रिय रहे।