सामान बनाने में मार्गदर्शन करें आईआईटी, एनआईटी
कोलकाताPublished: May 12, 2020 12:54:02 am
कोरोना वायरस: एमएसएमई की करनी चाहिए मदद-निदेशक
सामान बनाने में मार्गदर्शन करें आईआईटी, एनआईटी
कोलकाता. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खडग़पुर के निदेशक वी के तिवारी ने कहा कि आईआईटी तथा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जैसे केंद्रीय संस्थानों को अभी के समय में कोरोना वायरस महामारी से लडऩे के लिये आवश्यक सामान के विनिर्माण में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) का मार्गदर्शन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में व्यक्तिगत सुरक्षा परिधान (पीपीई), जांच किट के हिस्से तथा अन्य आवश्यक सामान के विनिर्माण में आईआईटी तथा एनआईटी को एमएसएमई की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एमएसएमई महामारी पर रोकथाम के लिये देशभर में लगाये गये लॉकडाउन से काफी प्रभावित हुए हैं। ऐसे में उनकी मदद करने के लिये तथा उन्हें इन संस्थानों के द्वारा प्रशिक्षण मुहैया कराने के लिये मोबाइल अप्लिकेशन बनाये जा सकते हैं।
3-4 महीने में उत्पाद संभव
तिवारी ने कहा कि उदाहरण के लिये, यदि हम उन्हें (एमएसएमई इकाइयों को) कुछ तय मानकों के अनुकूल दस्ताने, मास्क आदि का डिजायन मुहेया करायें, तो ऐसे में वे तीन-चार महीने में उत्पाद तैयार कर सकते हैं। इसी तरह आवश्यक प्रशिक्षण के बाद इन इकाइयों को जांच किटों के हिस्से, पीसीआर मशीनें आदि बनाने के लिये कहा जा सकता है। आईआईटी खडग़पुर के निदेशक ने छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की पश्चिम बंगाल इकाई द्वारा अपने पन्ने पर आयोजित किये गये फेसबुक लाइव सत्र के दौरान ये सुझाव दिये।
आयात: विकल्प तैयार करने की जरूरत
उन्होंने कहा कि एमएसएमई इकाइयों को पीपीई खरीदने के लिये भी कहा जा सकता है।उन्होंने कहा कि हमें यह जानने की जरूरत है कि एमएसएमई क्या चाहते हैं, उनकी आवश्यकताएं क्या हैं और कोरोना वायरस महामारी के चलते उत्पन्न हो रही परिस्थितियों में उसी हिसाब से उनका मार्गदर्शन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें आयात की जा रही कई वस्तुओं का विकल्प तैयार करने की जरूरत है, ताकि आयात पर हमारी निर्भरता नहीं रहे।