तृणमूल कांग्रेस सांसद तापस पाल तथा अणुव्रत मंडल को सोमवार को अलग अलग अदालतों से जमानत मिल गईं
कोलकाता
कृष्णनगर के तृणमूल कांग्रेस सांसद व अभिनेता तापस पाल तथा बीरभूम जिला तृणमूल के अध्यक्ष अणुव्रत मंडल को सोमवार को अलग अलग अदालतों से जमानत मिल गईं । सांसद तापस पाल ने कृष्णनगर महकमा अदालत में तथा अणुव्रत ने सिउड़ी जिला अदालत में आत्मसमर्पण किया था। दोनों ही मामलों में सीआईडी ने सत्तारूढ़ इन नेताओं के खिलाफ जमानती धाराएं लगाई थीं, इसलिए उन्हें जमानत मिलने में कोई परेशानी नहीं हुई। तापस पाल को 5 हजार रुपए के निजी मुचलके पर तथा अणुव्रत मंडल को 1 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई।
पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव के वक्त नदिया के चौमाहा गांव में तापस पाल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि विरोधी दल यदि तृणमूल समर्थकों की मां-बहनों पर अत्याचार करते हैं तो उनके घरों में घुसकर विपक्षी महिलाओं का बलात्कार कराया जाए। इस भाषण ने राजनीति में भूचाल ला दिया था। कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देशानुसार इस प्रकरण की सीआईडी जांच हुई थी। हाल में ही सीआईडी ने कृष्णनगर अदालत में आरोप-पत्र दायर किया था। आरोप पत्र में तापस पाल पर जमानती धारा 506 व 509 लगाई गई थी। इस कारण तापस पाल को आसानी से जमानत मिल गई। इससे पहले सोमवार की सुबह तापस पाल दो अधिवक्ताओं के साथ कृष्णनगर अदालत में उपस्थित हुए तथा आत्मसमर्पण किया था।
दूसरी ओर अणुव्रत मंडल को पुलिस पर बम फेंकने जैसे विवादस्पद भाषण देने के बावजूद स्थानीय पुलिस की मदद से सिउड़ी अदालत से जमानत मिल गई। गत पंचायत चुनाव के वक्त पारूई थाना के कसबा गांव में अणुव्रत मंडल ने निर्दलीय उम्मीदवारों के घर जला देने के लिए कार्यकर्ताओं के उकसाया था। इस दौरान उन्हें कहा था कि यदि पुलिस उन्हें बचाने आए तो उसपर भी बम फेंका जाए। इस मामले में सिउड़ी अदालत ने अणुव्रत मंडल को 7 जुलाई को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया था। लेकिन मंडल सोमवार को ही अदालत में हाजिर हो गए। उन पर भी जमानती धाराएं लगाई गई थीं। स्थानीय पुलिस को अणुव्रत के उस भाषण की वायस रिपोर्ट व नमूना पेश करना था, मगर पुलिस रिपोर्ट व नमूना अदालत में पेश नहीं कर सकती। इससे अणुव्रत को आसानी से जमानत मिल गई ।