राज्य मानवाधिकार आयोग को उन्हें सहयोग करना होगा। अगर ऐसे नहीं किया गया तो अदालत इसके लिए राज्य सरकार को दोषी मानेगी। राज्य में चुनाव बाद भड़की हिंसा पर दायर एक जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पांच जजों की बेंच ने उक्त निर्देश दिया।
बेंच ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में चुनाव के बाद हिंसा से इनकार किया है, जबकि हिंसा की घटनाओं की जाँच के लिए केंद्र सरकार की तरफ से गठित कमेटी ने राज्य में हिंसा की पुष्टि की है।
कमेटी ने हिंसा के प्रमाण भी पेश किए हैं। बहुत से लोग हिंसा के भय से अपना घर-द्वार छोड़कर पलायन कर गए हैं। &24& पीडि़तों ने राÓय लीगल एड सेल के पास मदद की गुहार लगाई है।
प्रशासन सभी लोगों की घर वापसी और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करे। याचिकाकर्ता की वकील प्रियंका टिबड़ेवाल ने अदालत के निर्देश पर खुशी जाहिर की है।