कोलकाता राज्य सरकार की ओर से न्यूनतम दैनिक मजदूरी लागू किए जाने की उम्मीद टूटते देख कर चाय बागान के मजदूर मंगलवार से तीन दिन के लिए हड़ताल पर चले गए। 26 चाय ट्रेड यूनियन के संयुक्त फोरम की ओर से आयोजित तीन दिवसीय हड़ताल में फिलहाल उत्तर बंगाल के डुआर्स क्षेत्र के चाय बागान के मजदूर शामिल हुए हैं। संयुक्त फोरम ने हड़ताल के दौरान चायबागानों से चाय पत्ती की खेप ले जाने पर रोक लगाने की घोषणा की है।
लम्बे समय से लंबित चाय बागानों के मजदूरों की न्यूनतम दैनिक मजदूरी लागू करने की मांग को ले कर संयुक्त फोरम ने पिछले दिनों तीन दिन पर हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी। श्रममंत्री मलय घटक की ओर से जल्द त्रिपक्षीय बैठक बुला कर न्यूनतम मजदूरी लागू करने का आश्वासन दिया गय था। जिसके बाद संयुक्त फोरम ने हड़ताल स्थगित कर दी थी। सोमवार को चाय मजदूरों के सब्र का बांध उस समय टूट गया जब संयुक्त फोरम से बात करने के लिए खुद श्रममंत्री नहीं पहुंचे बल्कि राज्य के श्रम आयुक्त जावेद अख्तर को
लम्बे समय से लंबित चाय बागानों के मजदूरों की न्यूनतम दैनिक मजदूरी लागू करने की मांग को ले कर संयुक्त फोरम ने पिछले दिनों तीन दिन पर हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी। श्रममंत्री मलय घटक की ओर से जल्द त्रिपक्षीय बैठक बुला कर न्यूनतम मजदूरी लागू करने का आश्वासन दिया गय था। जिसके बाद संयुक्त फोरम ने हड़ताल स्थगित कर दी थी। सोमवार को चाय मजदूरों के सब्र का बांध उस समय टूट गया जब संयुक्त फोरम से बात करने के लिए खुद श्रममंत्री नहीं पहुंचे बल्कि राज्य के श्रम आयुक्त जावेद अख्तर को
सिलीगुड़ी भेजा। श्रम आयुक्त से बातचीत शुरू होने के साथ ही चाय श्रमिक नेताओं ने न्यूनतम दैनिक मजदूरी लागू करने पर सरकार का रुख जानना चाहा । श्रम आयुक्त अखतर ने चाय बागान के मजदूरों का न्यूनतम दैनिक मजदूरी 172 रूपये किए जाने की घोषणा की। जिससे गुस्साए चाय बागान श्रमिक संगठन के नेता सिलीगुड़ी स्थित राज्य सचिवालय उत्तर कन्या के गेट के सामने धरने पर बैठ गए और वहीं से हड़ताल पर जाने की घोषणा की।
संयुक्त फोरम के संयोजक जियाउल आलम ने कहा कि श्रम आयुक्त ने श्रमिक संगठन के नेताओं से बात किए बिना न्यूनतम दैनिक मजदूरी की घोषणा कर दी। फोरम ने 234 रुपए न्यूनतम दैनिक मजदूरी की मांग की थी। उन्होंने बताया कि डुआर्स और तराई के प्राय: सभी चाय बागान के मजदूर हड़ताल में शामिल हुए हैं। इस दिन सभी चाय बागानों में काम बंद रहा। उन्होंने कहा कि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे लगातार हड़ताल पर जाएंगे। दूसरी ओर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के श्रमिक संगठन आईएनटीटीयूसी ने हड़ताल का विरोध किया है। आईएनटीटीयूसी ने कहा है कि वह हड़ताल के विरूद्ध है। समस्या का समाधान हड़ताल के बजाए बातचीत से सुलझाया जाए।