कोलकाता

भारी कर्ज: देश की इस बड़ी कंपनी ने तोड़ा दम

कभी देश की इस दिग्गज कंपनी की तूती बोलती थी। अब नौबत यह आ गई है कि बैटरी बनाने वाली This big company कर्ज में पूरी तरह डूब गई है। जी हां, हम बात कर रहे हैं कि बैटरी दिग्गज कंपनी एवरेडी की। American Company Duracell इसे खरीदने जा रही है

कोलकाताSep 10, 2019 / 10:47 pm

Rabindra Rai

भारी कर्ज: देश की इस बड़ी कंपनी ने तोड़ा दम

कोलकाता.
कभी देश की इस दिग्गज कंपनी की तूती बोलती थी। अब नौबत यह आ गई है कि बैटरी बनाने वाली यह बड़ी कंपनी कर्ज में पूरी तरह डूब गई है। जी हां, हम बात कर रहे हैं कि बैटरी दिग्गज कंपनी एवरेडी की। अमरीकी कंपनी ड्यूरासेल इसे खरीदने जा रही है। दुनिया के धनी व्यक्तियों में शुमार वॉरेन बफे की मालिकाना हक वाली बार्कशर हैथवे की ड्यूरासेल इंक ने बी. एम. खेतान की फ्लैगशिप कंपनी एवरेडी इंडस्ट्रीज का बैटरी और फ्लैशलाइट बिजनस खरीदने की होड़ में एनर्जाइजर होल्डिंग्स को पीछे छोड़ दिया है। इससे पहले देश की कई कंपनियां कर्ज के कारण दम तोड़ चुकी हैं, जिनमें जेट एयरवेज, किंगफीशर एयरलाइंस, रिलायंस टेलिकॉम प्रमुख नाम हैं।
सूत्रों ने बताया कि ड्यूरासेल 1,600-1,700 करोड़ रुपए में यह सौदा करने के करीब पहुंच चुकी है। इस सौदे के दायरे में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट, डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और एवरेडी ब्रांड शामिल होंगे। सूत्रों के मुताबिक पूरी तरह कैश में होने वाली इस स्लंप सेल वाली डील पर बातचीत आखिरी चरण में है। इसकी घोषणा जल्द की जा सकती है। इस डील से एवरेडी इंडस्ट्रीज को अपना कर्ज खत्म करने में मदद मिल सकती है।
ड्यूरासेल ने एनर्जाइजर को पीछे छोड़ा
इस ट्रांजैक्शन पर खेतान फैमिली और ड्यूरासेल के बीच महीनों से बातचीत हो रही है। साथ ही, अमरीका की एनर्जाइजर से भी बातचीत चल रही थी। अमरीका और चीन में एवरेडी ब्रांड एनर्जाइजर के पास ही है। खेतान परिवार कई प्राइवेट इक्विटी कंपनियों से भी बातचीत कर रहा था। स्लंप सेल में बेचे जा रहे एसेट के विभिन्न हिस्सों की अलग से वैल्यू नहीं लगाई जाती है।
मामले से वाकिफ दो लोगों ने बताया कि अमरीकी कंपनी ड्यूरासेल के केवल भारत में एवरेडी ब्रांड पर मालिकाना हक मिलेगा। उन्होंने बताया कि वह 1.5 अरब बैटरियां और 2 करोड़ से ज्यादा फ्लैशलाइट्स सालाना बनाने की स्थापित क्षमता की मालिक हो जाएगी। यह बिजनस करीब 900 करोड़ रुपये की आमदनी जुटाता है।
नहीं देनी पड़ेगी रॉयल्टी
समझौते के तहत ड्यूरासेल और विलियम्सन मैगर ग्रुप, दोनों एवरेडी इंडस्ट्रीज के मौजूदा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और ब्रांड का उपयोग अपने कारोबारों के लिए करेंगे। एवरेडी इंडस्ट्रीज अपने ब्रांड और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का उपयोग अपने लाइटिंग और अप्लायंसेज बिजनस के लिए करती रहेगी और इसके लिए उसे रॉयल्टी नहीं देनी होगी। बैटरी और फ्लैशलाइट बिजनेस के लिए ड्यूरासेल के प्रस्तावित ऑफर के दायरे में एवरेडी इंडस्ट्रीज का लाइटिंग, इलेक्ट्रिकल अप्लायंसेज, कन्फेक्शनरी बिजनस और वह एफएमसीजी वेंचर नहीं है, जिनसे कुल मिलाकर करीब 500-600 करोड़ रुपये की आमदनी होती है।
कारोबार बढ़ाने पर निगाह
एक सूत्र ने बताया कि खेतान परिवार आने वाले वर्षों में बचा हुआ कारोबार बढ़ा सकता है। इस डील के दायरे में कोलकाता के रेनी पार्क में मौजूद कंपनी के ऑफिस सहित इसका नॉन-कोर रियल एस्टेट शामिल नहीं है। इस ग्रुप पर नजर रखने वाले मार्केट ऐनालिस्ट्स का कहना है कि कोलकाता के मुख्यालय के अलावा चेन्नई और नई दिल्ली में कंपनी की जमीन बेचने से 200 करोड़ रुपए मिल सकते हैं।

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