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महानगर में भीषण पेयजल का संकट

locationकोलकाताPublished: May 22, 2019 05:46:00 pm

Submitted by:

Jyoti Dubey

– महानगर में भीषण गर्मी की वजह से जल संकट का खतरा मंडरा रहा है। खासकर दक्षिण कोलकाता और ईएम बाइपास संलग्न इलाके इससे प्रभावित हैं। कई इलाके तो इस तरह प्रभावित हो चुके हैं कि पेयजलापूॢत दूर करने के लिए निगम के वॉटर टैंकरों की मदद लेनी पड़ रही है।

Kolkata, Kolkata, West Bengal, India

महानगर में भीषण पेयजल का संकट

कोलकाता. मंगलवार को कोलकाता नगर निगम के मासिक अधिवेशन में भी महानगर के जल संकट मुद्दे पर लगभग घंटे भर चर्चा हुई। वाम पार्षद मृत्युंजय चतक्रवर्ती ने प्रश्न काल के दौरान दक्षिण कोलकाता के टॉलीगंज, जादवपुर, बेहला तथा आस-पास के इलाकों में पेयजल संकट से समाधान कैसे होगा? सवाल उठाया। वाम पार्षद चयन भट्टाचार्य ने इस पर प्रस्ताव पेश किया। उनके समर्थन में वाम पार्षद रत्ना राय मजूमदार और कांग्रेस पार्षद प्रकाश उपाध्याय ने टिप्पणी की। वाम दलों के पार्षदों ने भीषण जल संकट मुद्दा उठाते हुए इसका निवारण जानना चाहा।

मेयर फिरहाद हकीम ने जल संकट की समस्या को मानते हुए कहा कि वर्तमान समय में दक्षिण कोलकाता तथा उससे सटे कई इलाकों में जल संकट की समस्या है। इसके निवारण के लिए निगम ने पहले से ही विभिन्न जल उत्पादन केंद्रों की संख्या बढ़ाने और प्रभावित इलाकों में अधिक से अधिक बूस्टर पम्पिंग स्टेशन बनवाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि निगम की योजनाएं सफल हो जाने पर २ साल के अंदर महानगर से पेयजल की समस्या दूर हो जाएगी।

उन्होंने बताया कि जल्द ही महानगर में ढालाई ब्रिज के पास 7 एकड़ की जमीन पर एक 20 मिलियन गैलन की क्षमता का जल उत्पादन केंद्र बनाया जाएगा। वहीं महेशतल्ला में एक 30 मिलियन गैलन की क्षमता का एक जल उत्पादन केंद्र बनाया जा रहा है। इससे बेहला के कुछ एक इलाकों में पानी की सप्लाई होगी। साथ ही कूदघाट से सोनारपुर तक जाने वाले पानी की लाइन को भी बढ़ाने पर दबाव दिया जा रहा है।

– मेयर ने स्वीकारा, बोले निगम चलाएगा सेव वॉटर अभियान :-

उन्होंने कहा कि महानगर में कई जगह दिनभर पानी बर्बाद होता है। पार्षदों को अभियान चलाकर पानी की बार्बदी रोकनी चाहिए। जागरूकता फैलाने की जरूरत है। निगम की ओर से सेव वॉटर अभियान चलाया जाएगा।

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बढ़ाई जाएगी जल उत्पादन की क्षमता :-

– जय हिंद जल प्रोजेक्ट: 20 मिलियन गैलन

– पलता वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट: 20 मिलियन गैलन

– गार्डनरीच वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट: 25 मिलियन गैलन

– गर्मी की वजह से परिमाण घटा :-
विभिन्न बूस्टर पम्पिंग स्टेशनों में जल उत्पादन के परिमाण में कटौती हुई है। गर्मी में गंगा नदी का जलस्तर कम रहा है और उत्पादन के दौरान कीचड़ उठ रहा है। वाम पार्षद मृत्युंजय चतक्रवर्ती ने बताया कि विभिन्न जल उत्पादन केंद्रो पर जानकारी लेने पर पता चला है कि महानगर में फिलहाल रोजाना 453 मिलियन गैलन की बजाय 318 मिलियन गैलन पेयजल उत्पादन हो रहा है।

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