कही आप अपनी बच्ची के सपनों का गला तो नहीं घोंट रहे
कोलकाता शिव जायसवाल प्रोडेक्शन के अन्तर्गत नीड्स संस्था की ओर से तैयार लघु फिल्म अस्तित्व के जरिए ग्रामीण किशोरी के सपनों को साकार करने की कहानी को उजागर किया है। यह सच्ची कहानी पर आधारित फिल्म है जिसमें गांव की लड़की हेमा दास को बचपन से ही तीरंदाजी का शौक था । जिससे गांव के लोग परेशान रहते थे। सभी का कहना था कि किशोरी की शादी कर दी जाए। पर पिता ऐसा नहीं करता है तो पंचायत के सदस्य उसे सभी के सामने सौ बार उठक – बैठक करने की सजा देते है साथ ही बच्ची की तीन महीने पर शादी करवाने का आदेश देते है। पिता बच्ची के सपनों को साकार करने के लिए उसे तीरंदाजी में भर्ती करत देता है जहां वह अपने सपने को साकार करती है। मात्र 7.57 मिनट की यह फिल्म काफी प्रेरक है। फिल्म का निर्देशन प्रबुद्ध पाल ने किया है। इस फिल्म की खासियत है कि फिल्म में संवाद काफी कम है वहीं भाव भरे है। फिल्म में पिता की भूमिका में शिव जायसवाल, कौरबी चन्द्रानी, डॉ. प्रणयकुमार , अर्जुन श्रीवास्तव,संजीव राय, सुमित सिंकू ने अभिनय किया है। यह अच्छी फिल्म है जो कि यूट्यूब पर उपलब्ध है।