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IIT Kharagpur Researchers Found Stone Age Evidence In Gujarat-3 साल खोज के बाद निकाला 3 हजार साल पुराने लौह युग के अवशेष

locationकोलकाताPublished: Nov 22, 2019 07:24:00 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

IIT Kharagpur Researchers Found Stone Age Evidence In Gujarat–आईआईटी खडग़पुर के शोधकर्ताओं का कमाल, 3 हजार साल पुराने लौह युग के अवशेषों को खोजने में मिली कामयाबी, 3 साल तक चली खोज, प्राचीन से मध्यकाल की बस्तियों के पुरातात्विक साक्ष्य मिले

IIT Kharagpur Researchers Found Stone Age Evidence In Gujarat-3 साल खोज के बाद निकाला 3 हजार साल पुराने लौह युग के अवशेष

IIT Kharagpur

कोलकाता. आईआईटी खडग़पुर के शोधकर्ताओं की टीम ने गुजरात के कच्छ के रण और थार मरुस्थल में 3 हजार साल पुराने लौह युग के अवशेषों को खोज निकालने में सफलता हासिल की है। शोधकर्ताओं को थार रेगिस्तान के निकट करीम शाही में 3 हजार साल पुरानी पाषाण युग की बस्ती तथा विगरकोट में प्राचीन से मध्यकाल की बस्तियों के पुरातात्विक साक्ष्य मिले हैं। आईआईटी खडग़पुर की ओर से गुरुवार को जारी बयान में इसकी पुष्टि की गई। करीम शाही क्षेत्र में मिले पुरातात्विक साक्ष्य प्रारंभिक पाषाण युग से प्रारंभिक ऐतिहासिक काल (3100-2300 वर्ष पूर्व) के बीच मानव निवास की ओर वहीं विगरकोट में मिले साक्ष्य ऐतिहासिक काल से मध्य काल (1500-900 वर्ष पूर्व) के बीच मानव निवास होने की ओर इशारा करते हैं। यह शोध एल्सेवियर जर्नल आर्कियोलॉजिकल रिसर्च इन एशिया में ऑनलाइन प्रकाशित हुआ था। 5200-3300 साल पुरानी सिंधु घाटी सभ्यता के समाप्त होने के बाद 3000-2500 साल पहले पाषाण युग सभ्यता अस्तित्व में आई। शोधदल में शामिल एक सदस्य ने कहा कि 3 साल तक चली इस खोज में दल को थार रेगिस्तान के करीम शाही क्षेत्र में पाषाण युग की सभ्यता के साक्ष्य मिले हैं। आईआईटी खडग़पुर के प्रोफेसर अनिंद्य सरकार ने कहा कि क्षेत्र से मिले जीवाश्म खोल और तलछट का अध्ययन सक्रिय नदी तंत्र और वर्षा होने की ओर इशारा करता है जिसने संभवतया प्रारंभिक पाषाण युग से मध्यकाल तक मानव आबादी को बचा कर रखा। सरकार ने इस शोध की अगुवाई की थी। ये अवशेष लौह युग की अब तक सबसे पुराने अवशेषों में से एक है। जहां से ये अवशेष मिले हैं सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के बाद इन्हीं क्षेत्र में कभी मानव बस्तियां थी और यहां लोगों की अच्छी-खासी आबादी निवास करती थी। इससे पहले कच्छ में केवल चट्टानी द्वीप क्षेत्रों में हड़प्पा सभ्यता के अवशेष मिले थे। कच्छ रण और थार मरुभूमि में मिले ताजा अवशेष अब तक की सर्वप्रथम खोज है। इन अवशेषों में घड़े, जार, बैलों की आकृति तथा कई जानवरों की अस्थियां भी शामिल है। आईआईटी खडग़पुर के जिन शोधकर्ताओं ने यह खोज की है उनमें प्रोफेसर अनिंद्य सरकार, डॉ. आरती देशपांडे मुखर्जी, डॉ. नवीन जुयल व प्रोफेसर एमजी ठक्कर शामिल थे।
इससे पहले पुरातत्वविदों ने इसी साल मार्च में गुजरात के कच्छ जिले में 2 महीने की खुदाई के बाद हड़प्पा युग के 5 हजार साल पुराने कंकाल व खजाना मिलने का दावा किया था। यहां हड़प्पा सभ्यता से जुड़ा एक विशाल कब्रिस्तान मिला था। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे इस संभावना को बल मिलता है कि किसी समय यहां मनुष्यों की अच्छी-खासी आबादी निवास करती थी। यह खोज कच्छ यूनिवर्सिटी और केरल यूनिवर्सिटी ने मिलकर की थी।
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