देश के जूट उद्योग के आगे नहीं बढऩे का सबसे बड़ा कारण यहां पैदा होने वाले जूट की खराब गुणवत्ता है। यहां के जूट की गुणवत्ता विविध जूट उत्पादन बनाने के लिए उपयुक्त नहीं है। वे यहां एमसीसी चेम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित परिचर्चा में उद्योगपतियों और व्यवसायियों के सवालों का जवाब दे रही थीं। चेम्बर के वरिष्ठ वाइस चेयरमैन विशाल झाझरिया, चेयरमैन (कपड़ा व जूट कमेटी) संजय कुमार जैन और सह चेयरमैन श्रीवातसा कजरिया उपस्थित थे।
स्मृति इरानी ने कहा कि अच्छे गुणवत्ता वाला जूट उत्पादन करने के लिए कृषि मंत्रालय और कपड़ा मंत्रालय ने मिल कर कदम उठाया है। दोनों मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि वे प्रत्येक कृषि विज्ञान केन्द्र से जूट की खेती करने वाले किसानों को अच्छे गुणवत्ता वाले जूट के प्रमाणित बीज मुहैया कराएं। जूट उद्योग भी किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्रों के गुणवत्ता वाले जूट के प्रमाणित बीज मुहैया कराएं। इससे जूट के विविध उत्पाद बनाने वाले बेहतर जूट का उत्पादन बढ़ेगा, किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी, देश में जूट उद्योग विविधिकरण के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ेगा और यह स्वावलंबी होगा।
स्मृति इरानी ने कहा कि अच्छे गुणवत्ता वाला जूट उत्पादन करने के लिए कृषि मंत्रालय और कपड़ा मंत्रालय ने मिल कर कदम उठाया है। दोनों मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि वे प्रत्येक कृषि विज्ञान केन्द्र से जूट की खेती करने वाले किसानों को अच्छे गुणवत्ता वाले जूट के प्रमाणित बीज मुहैया कराएं। जूट उद्योग भी किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्रों के गुणवत्ता वाले जूट के प्रमाणित बीज मुहैया कराएं। इससे जूट के विविध उत्पाद बनाने वाले बेहतर जूट का उत्पादन बढ़ेगा, किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी, देश में जूट उद्योग विविधिकरण के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ेगा और यह स्वावलंबी होगा।
टेक्नीकल टेक्सटाइल में संभावनाएं अपार
इरानी ने कहा कि टेक्नीकल टेक्सटाइल के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। उम्मीद है कि बंगाल का कपड़ा उद्योग इस क्षेत्र में और अधिक भागीदारी बढ़ाएगा। इन दिनों देश के समूचा कपड़ा उद्योग का पांच प्रतिशत से अधिक भागीदारी बंगाल के कपड़ा उद्योग का है। इसके लिए केन्द्र सरकार ने 17288 करोड़ जारी किए हैं।
इरानी ने कहा कि टेक्नीकल टेक्सटाइल के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। उम्मीद है कि बंगाल का कपड़ा उद्योग इस क्षेत्र में और अधिक भागीदारी बढ़ाएगा। इन दिनों देश के समूचा कपड़ा उद्योग का पांच प्रतिशत से अधिक भागीदारी बंगाल के कपड़ा उद्योग का है। इसके लिए केन्द्र सरकार ने 17288 करोड़ जारी किए हैं।