एक हजार विमान बनाने की तैयारी- प्रभु
मोदी सरकार की व्यापक मेक इन इंडिया योजना
एक हजार विमान बनाने की तैयारी- प्रभु
कहा, उड्डयन क्षेत्र में बुनियादी ढांचा निर्माण के लिए जमीन बड़ी चुनौती कोलकाता
केंद्रीय नागर विमानन और वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने शनिवार को कहा कि अगले कुछ सालों में सबसे ज्यादा उड्डयन क्षेत्र में निरंतर वृद्धि होने की संभावनाएं दिख रही हैं। प्रौद्योगिकी और भूमि इसके मुख्य कारक होंगे। इसके हिसाब से अगले कुछ वर्षो में कम से कम एक हजार विमानों की जरूरत होगी और भारत इसे मेक इन इंडिया की तर्ज पर इस जरूरत को पूरा करेगा। देश में उड्डयन क्षेत्र के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण एक बड़ी चुनौती है। मौजूदा स्थिति और जरूरतों के मद्देनजर इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार मेक इन इंडिया के तहत 2035 तक के लिए एक व्यापक और एकीकृत स्वदेशी योजना तैयार कर रही है। उड्डयन एक ऐसा क्षेत्र है, जो विश्व में नेतृत्व की भूमिका निभा सकता है। वे सीआईआई की ओर से आयोजित सुरेश नेवटिया स्मृति व्याख्यान समारोह में संरक्षणवाद के बढ़ते शोर में विश्व व्यापार का भविष्य विषय पर बोल रहे थे। सुरेश प्रभु ने हावड़ा के बेलूड़ मेठ का दौरा किया। उन्होंने कहा कि विमानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुछ सालों में खुद से एक हजार विमान बनाने की मेक इन इंडिया योजना बनाई जा रही है, जिससे भारत को विमानों का आयात न करना पड़े। उन्होंने कहा, देश में सफलतापूर्वक उड़ानों लिए जमीन पर आधारभूत संरचना बनाने की जरूरत है। देश में ऐसी योजनाओं के लिए जमीन की खरीद एक चुनौती है और कई विकास परियोजनाओं के लिए जमीन मुख्य शक्ति होगी। प्रभु ने कहा कि सरकार हम अलग से एक कार्गो नीति तैयार कर रही है, क्योंकि एक स्थान से दूसरे स्थान पर माल ढुलाई की बढ़ती जरूरत के साथ इस क्षेत्र के विकास की एक भारी संभावना है। नीति के आने से कार्गो उड़ानें रात में संचालित हो सकेंगी।
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