गौरतलब है कि चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा हो या नियंत्रण रेखा, भारतीय सेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से हर समय तैयार है। भारत-चीन सीमा रेखा पर चीनी सैनिक उन इलाकों में घुसपैठ करते हैं जहां सीमा रेखा स्पष्ट नहीं है, पर अब ऐसा ज्यादा दिन चलने वाला नहीं है।
सही दिशा में बढ़ रही है चीन से बातचीत
पूर्वी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल नरावने ने कहा कि विवादित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के मुद्दे के समाधान पर चीन से बातचीत सही दिशा में बढ़ रही है, जहां हर चरण की वार्ता के बाद मतभेद कम होते जा रहे हैं। हालांकि पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिग इन चीफ ने यह भी कहा कि इस वक्त मुद्दे के हल के लिए समय सीमा तय करना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि विवादित वास्तविक नियंत्रण रेखा के मुद्दे पर हर चरण की वार्ता के साथ मतभेद कम होते गए। उम्मीद है कि हमारे हित एक बिंदु पर पहुंचेंगे और हम औपचारिक तौर पर एक समझौते पर हस्ताक्षर कर पाएंगे।
बातचीत के 23वें या 24वें चरण में
सेना के उपप्रमुख नियुक्त किए गए नरावने ने जब पूछा गया कि वार्ता किस चरण में पहुंच गई है, तब उन्होंने कहा कि हम बातचीत के 23वें या 24वें चरण में हैं, इस संबंध में कोई समय-सीमा तय करना मुश्किल होगा, जितनी जल्द मुद्दा (एलएससी) सुलझ जाएगा, उतनी जल्दी ये दो बड़े एशियाई पड़ोसी इन बाधाओं से आगे निकलकर प्रगति की राह पर बढ़ पाएंगे।
हार के बावजूद पाकिस्तान कर रहा है संघर्ष विराम का उल्लंघन
पाकिस्तान के खिलाफ करगिल युद्ध में मिली विजय की 20वीं वर्षगांठ पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि करगिल में जबरदस्त हार के बावजूद ऐसा लगता नहीं है कि पाकिस्तान ने इससे कोई सबक लिया है क्योंकि वह लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। उन्होंने कहा कि सेना किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार है। पश्चिम के हमारे पड़ोसी के साथ ही उत्तर के हमारे पड़ोसी के साथ अगर शांति बनी रहती है तो दोनों पक्ष के लोग उज्ज्वल भविष्य की कामना कर सकेंगे।
कहां-कहां से गुजरती है वास्तविक नियंत्रण रेखा
चीन के साथ लगने वाली भारत की वास्तविक नियंत्रण रेखा पांच प्रमुख प्रदेशों में से होकर गुजरती है। इसमें जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश प्रमुख है। भारत के ये पांचों प्रदेश अपनी-अपनी खासियत रखते हैं। अब देखना यह है कि करगिल की जबरदस्त जीत के बाद चीन से वार्ता का सुखद परिणाम कब तक सामने आएगा और फिर भारत उपलब्धियों के साथ विश्व में अपना डंका बजाएगा।