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हर खतरे से निपटने को भारतीय सेना तैयार: रावत

locationकोलकाताPublished: Dec 14, 2020 11:28:35 pm

Submitted by:

Rabindra Rai

. चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को साफ कहा कि भारतीय सेना हर तरह के खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। वह कोलकाता के गार्डनरीच शिपबिल्डर्स (जीआरएसइ) में नौसेना के युद्धपोत के आयोजित जलावतरण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे।

हर खतरे से निपटने को भारतीय सेना तैयार:  रावत

हर खतरे से निपटने को भारतीय सेना तैयार: रावत

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल का चीन को सख्त संदेश
बोले, तीनों मोर्चे पर दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है देश
कोलकाता. चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को साफ कहा कि भारतीय सेना हर तरह के खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। वह कोलकाता के गार्डनरीच शिपबिल्डर्स (जीआरएसइ) में नौसेना के युद्धपोत के आयोजित जलावतरण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। जनरल रावत का यह बयान चीन के लिए सख्त संदेश माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास जारी सीमा विवाद अभी भी जारी है। हमारी सेना हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। जलावतरण के बाद पत्रकारों से बात करते हुए रावत ने कहा कि चाहे ये चुनौती जमीन पर मिले या हवा में या फिर महासागर में। अगर तीनों मोर्चे पर एक साथ चुनौतियां मिली तो भी सेना उससे पार पाने और दुश्मन देश को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।
रावत ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि भारतीय सशस्त्र बल हमारे सीमा की रक्षा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।

मई के बाद से तनाव
पांच मई 2020 के बाद से भारत और चीन के बीच तनातनी जारी है। इसकी शुरुआत उस समय हुई जब चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा को बदलने की कोशिश की। उसके बाद से सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन चीन के अडिय़ल रवैए की वजह से तनाव कम करने में मदद नहीं मिली है। इस बीच भारत ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में अपनी स्थिति पहले से ज्यादा मजबूत कर ली है। खबर है कि चीन लगातार रात के अंधेरे में वास्तविक स्थिति को बदलने की कोशिश में लगा हुआ है। इस सबके बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का यह बयान सैनिकों का मनोबल बढ़ाने वाला है।

युद्ध तकनीक का भविष्य देखें
पाकिस्तान की ओर से लगातार किए जाने वाले सीजफायर को लेकर सवाल के जवाब में रावत ने बतया कि दूसरे पक्ष को अधिक चिंतित होना चाहिए। हम पूरी तरह से तैयार हैं और किसी भी विपरीत परिस्थिति का सामना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपने सिस्टम में युद्ध की तकनीक का भविष्य देखें। हमारे पास उत्तरी सीमाओं पर किसी भी खतरे या चुनौतियों का सामना करने के लिए पर्याप्त बल है। युद्ध तकनीक से सीडीएस का इशारा आधुनिक हथियारों की तरफ था।

पहले पोत का जलावतरण
जीआरएसई द्वारा प्रोजेक्ट 17ए के तहत निर्मित रडार की नजरों से बच सकने वाले पहले पोत का जलावतरण सोमवार को यहां किया गया। जनरल बिपिन रावत कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उनकी पत्नी मधुलिका रावत ने हुगली नदी के किनारे स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स पर इसका जलावतरण किया। इस अवसर पर बिपिन रावत ने कहा कि भारतीय बल देश की सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगा। भारतीय नौसेना की शक्ति और बढ़ाने वाला पोत हिमगिरि नौसेना की रक्षा तैयारियों को और मजबूती प्रदान करेगा।

सौंपा जाएगा नौसेना को
एक अधिकारी ने बताया कि जलावतरण के बाद यह विभिन्न परीक्षणों से गुजरेगा और इसमें अत्याधुनिक उपकरण लगाये जाएंगे जिसके बाद इसे नौसेना को सौंपा जाएगा। उन्होंने बताया कि कंपनी को परियोजना 17ए के तहत तीन युद्धपोत निर्माण का ठेका मिला है, जिनकी कीमत 19,294 करोड़ रुपये है। पहला युद्धपोत वर्ष 2023 में जबकि दूसरा और तीसरा क्रमश: 2024 और 2025 में नौसेना को मिलने की उम्मीद है।

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