उन्होंने बताया कि ‘कवरत्तीÓ उन चार पनडुब्बी रोधी युद्धपोतों की श्रेणी में से अंतिम है जिनका निर्माण जीआरएसई ने परियोजना ‘पी28’ के तहत भारतीय नौसेना के लिए किया है। इस पोत के सभी परीक्षण सफल रहे हैं। इसे इस महीने के अंत तक नौसेना को सौंप देने की योजना है।
कवरत्ती जीआरएसई द्वारा निर्मित 104वां पोत होगा। इसके 90 फीसदी घटक स्वदेशी तौर पर निर्मित हैं और नई तकनीक की बदौलत इसकी देखरेख की जरूरत भी कम होगी। रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह युद्धपोत परमाणु, रसायनिक तथा जैविक युद्ध की स्थिति में भी काम करेगा। बाकी तीन रडार रोधी और पनडुब्बी रोधी पोतों के नाम हैं-आइएनएस कमोर्ता, आइएनएस कदमत और आइएनएस किलतान। यह नाम लक्षद्वीप द्वीप समूह के द्वीपों के नाम पर रखे गए हैं।