कोलकाता

मध्यरात्रि में मिली सूचना और दो घंटे में ऑपरेशन पूरा

बेंगलूरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले के दो आरोपियों के बारे में बंगाल पुलिस को मध्यरात्रि को सेंट्रल आईबी से सूचना मिली और दो घंटे में चुपचाप ऑपरेशन को पूरा कर लिया गया। दोनों शातिर आतंकियों को कब्जे में ले लिया गया और कानोंकान किसी को पता नहीं चला।

कोलकाताApr 14, 2024 / 04:39 pm

Rabindra Rai

मध्यरात्रि में मिली सूचना और दो घंटे में ऑपरेशन पूरा

बेंगलूरु कैफे ब्लास्ट: बंगाल पुलिस की रही अहम भूमिका
शातिर आतंकियों को पकडक़र आइबी को सौंपा
बेंगलूरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले के दो आरोपियों के बारे में बंगाल पुलिस को मध्यरात्रि को सेंट्रल आईबी से सूचना मिली और दो घंटे में चुपचाप ऑपरेशन को पूरा कर लिया गया। दोनों शातिर आतंकियों को कब्जे में ले लिया गया और कानोंकान किसी को पता नहीं चला। हालांकि यह ज्वाइंट ऑपरेशन था। बंगाल पुलिस के साथ आईबी के भी अधिकारी थे, लेकिन प्रमुख भूमिका बंगाल पुलिस ने ही निभाई। गिरफ्तारी से लेकर ट्रांजिट रिमांड तक बंगाल पुलिस ने चौकसी के साथ काम किया। फिलहाल दोनों संदिग्ध आतंकी आईबी के कब्जे में है।
सूत्रों की मानें तो बंगाल पुलिस के एडीजी कानून-व्यवस्था मनोज वर्मा को गुरुवार की मध्यरात्रि सेंट्रल आईबी से सूचना मिली। उन्होंने तुरंत ही दक्ष अधिकारियों टीम गठित की और दीघा में उस जगह छापेमारी की, जहां वे ठहरे हुए थे। क्लिनिकल प्रिसिजन के तहत मिनट टू मिनट की एक्टीविटी ने पुलिस को अहम सफलता दिलाई।

2019 से थी दोनों की तलाश
गिरफ्तार हुए दोनों आतंकियों को आईबी की टीम 2019 से तलाश कर रही थी। वे फरार चल रहे थे। इनकी तलाशी में देश के कई ठिकानों पर छापेमारी की गई, लेकिन खुफिया टीम के पहुंचने से पहले ही ये फरार हो जाते थे। जब पता चला कि ये दोनों शातिर आतंकी बंगाल में छुपे हैं तो बंगाल पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई। बंगाल पुलिस ने अपने अनुभव का इस्तेमाल कर इनको पकडऩे के लिए खाका तैयार किया। अंतत: पुलिस को सफलता मिल गई।

करीब 2 महीने पहले की थी रेकी
जांचकर्ताओं को पता चला है कि आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट के लिए एक स्थानीय किराना स्टोर से विभिन्न उपकरण भी खरीदे थे। संयोगवश, 1 मार्च को बेंगलूरु के एक कैफे में 9-वोल्ट बैटरी वाले विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। हिरासत में लिए गए आरोपियों से पूछताछ के बाद जांचकर्ताओं को यह भी पता चला कि आतंकियों ने विस्फोट से करीब 2 महीने पहले इस जगह की रेकी की थी।
एनआइए के सूत्रों ने दावा किया कि आईएसआईएस आतंकी शिवमोगा मॉड्यूल लगभग नष्ट हो गया था, लेकिन एक प्रमुख संचालक की पहचान कर्नल के रूप में की गई। जांचकर्ता हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ करके कर्नल के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

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