मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को राज्य सरकार की ओर से प्रदेश की गर्भवती महिलाओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए चिकित्सकीय व्यवस्थाएं विकसित किए जाने के कारण संस्थागत प्रसव के ९६ फीसदी तक पहुंचने का दावा किया। विश्व अपरिपक्वता दिवस के अवसर पर इस दिन सुबह मुख्यमंत्री ने इस बारे में अपने ट्विटर अकाउंट में लिखा कि राज्य सरकार गर्भवती महिलाओं को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए लगातार काम कर रही है। गत सात सालों में बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं के आराम के लिए राज्य सरकार ने प्रतीक्षा केंद्रों का निर्माण किया है। राज्य सरकार की कोशिशों का ही नतीजा है कि पहले यहां 65 फीसदी बच्चों का जन्म अस्पतालों में होता था। अब 96 फीसदी बच्चों का जन्म विभिन्न सरकारी अस्पतालों में हो रहा है।
प्रतिवर्ष 17 नवम्बर को विश्व अपरिपक्वता दिवस मनाया जाता है। समय से पहले बच्चों के जन्म को टालने और समय से पहले जन्म ले चुके बच्चे की स्वास्थ्य संबंधी चिकित्सा की जागरुकता के लक्ष्य के साथ यह दिवस मनाया जाता है। आंकड़ों के मुताबिक प्रतिवर्ष डेढ़ करोड़ बच्चे अपरिपक्वपैदा होते हैं। ऐसे मामलों में अस्पतालों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि जच्चा-बच्चा दोनों की तत्काल चिकित्सा शुरू कर बच्चे को क्रिटिकल केयर यूनिट में रखकर इलाज किया जाए।
प्रतिवर्ष 17 नवम्बर को विश्व अपरिपक्वता दिवस मनाया जाता है। समय से पहले बच्चों के जन्म को टालने और समय से पहले जन्म ले चुके बच्चे की स्वास्थ्य संबंधी चिकित्सा की जागरुकता के लक्ष्य के साथ यह दिवस मनाया जाता है। आंकड़ों के मुताबिक प्रतिवर्ष डेढ़ करोड़ बच्चे अपरिपक्वपैदा होते हैं। ऐसे मामलों में अस्पतालों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि जच्चा-बच्चा दोनों की तत्काल चिकित्सा शुरू कर बच्चे को क्रिटिकल केयर यूनिट में रखकर इलाज किया जाए।