परिषद का कहना है कि श्रमिकों के बच्चे खेलकूद से भी अपना भविष्य बना सकते हैं। चायबागान, जंगलमहल और पहाड़ी क्षेत्र के काफी ऐसे बच्चे हैं जिनमें प्रतिभा कूट-कूटकर भरी है। सिर्फ उन्हें निखारने और उचित मंच प्रदान करने की जरूरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए परिषद की ओर से सालभर के दौरान विभिन्न स्तर की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। इनमें इनडोर और आउटडोर खेल भी शामिल हैं।
पर्यटन के लिए होली-डे होम की व्यवस्था
परिषद ने अपने श्रमिकों के मनोरंजन के मद्देनजर प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर कई होली डे होम भी बनाए हैं। परिषद के दीघा, बकखाली, हासीमारा, दार्जिलिंग, गैंगटॉक, सिलीगुड़ी, कोलकाता (मानिकतल्ला), पुरी आदि पर्यटन स्थलों पर होली डे होम हैं। जहां परिषद से जुड़े श्रमिक न्यूनतम खर्च पर अपने परिवार के साथ जाकर पर्यटन का आनंद उठा सकते हैं।
51 कल्याण केंद्र
इस बोर्ड के तहत 51 श्रमिक कल्याण केंद्र हैं। इसमें से 23 केन्द्रों को उनकी गतिविधियों के आधार पर आदर्श श्रमिक कल्याण केंद्र बनाया गया है।
पर्यटन के लिए होली-डे होम की व्यवस्था
परिषद ने अपने श्रमिकों के मनोरंजन के मद्देनजर प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर कई होली डे होम भी बनाए हैं। परिषद के दीघा, बकखाली, हासीमारा, दार्जिलिंग, गैंगटॉक, सिलीगुड़ी, कोलकाता (मानिकतल्ला), पुरी आदि पर्यटन स्थलों पर होली डे होम हैं। जहां परिषद से जुड़े श्रमिक न्यूनतम खर्च पर अपने परिवार के साथ जाकर पर्यटन का आनंद उठा सकते हैं।
51 कल्याण केंद्र
इस बोर्ड के तहत 51 श्रमिक कल्याण केंद्र हैं। इसमें से 23 केन्द्रों को उनकी गतिविधियों के आधार पर आदर्श श्रमिक कल्याण केंद्र बनाया गया है।
जाग गया श्रम विभाग
34 साल से राज्य का श्रम विभाग सोया था। ममता बनर्जी की सरकार आने के बाद यह फिर से जग गया है। इतनी भारी संख्या में बच्चे और उनके अभिभावकों का इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेना यही साबित करता है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चाहती हैं कि ग्राम, अंचल और जिले के बच्चों को प्रतिभा दिखाने का मौका मिले। विशेषकर श्रमिक वर्ग के बच्चों के लिए यह प्रतियोगिता काफी मददगार साबित होगी।
– मलय घटक, श्रममंत्री, पश्चिम बंगाल
34 साल से राज्य का श्रम विभाग सोया था। ममता बनर्जी की सरकार आने के बाद यह फिर से जग गया है। इतनी भारी संख्या में बच्चे और उनके अभिभावकों का इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेना यही साबित करता है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चाहती हैं कि ग्राम, अंचल और जिले के बच्चों को प्रतिभा दिखाने का मौका मिले। विशेषकर श्रमिक वर्ग के बच्चों के लिए यह प्रतियोगिता काफी मददगार साबित होगी।
– मलय घटक, श्रममंत्री, पश्चिम बंगाल
— परिषद का प्रयास प्रशंसनीय
राज्य सरकार विभिन्न स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित करती है। यह पहली बार हुआ है कि श्रमिकों और कर्मचारियों के बच्चों के लिए राज्य स्तर की प्रतियोगिता आयोजित की गई है। इससे प्रतिभावान बच्चों को आगे बढऩे में काफी मदद मिलेगी। परिषद का यह प्रयास प्रशंसनीय है।
-स्वर्ण कमल साहा, विधायक
—
…ताकि श्रमिकों के बच्चे बन सकें स्तरीय खिलाड़ी
प्रथम बार राज्य स्तर की यह प्रतियोगिता परिषद की ओर से आयोजित की गई है। मुख्य उद्देश्य प्रतिभावान खिलाडिय़ों को मंच प्रदान करना है ताकि वे राष्ट्रीय स्तर पर दस्तक देने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बन सकें। प्रतियोगिता के विभिन्न खेलों में चैंपियन होनेवाले खिलाडिय़ों को अनुदान देकर बेहतरीन प्रशीक्षण की व्यवस्था करना हमारा उद्देश्य है।
-समीर कुमार बसु, कमिश्नर पश्चिम बंग श्रमिक कल्याण परिषद
राज्य सरकार विभिन्न स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित करती है। यह पहली बार हुआ है कि श्रमिकों और कर्मचारियों के बच्चों के लिए राज्य स्तर की प्रतियोगिता आयोजित की गई है। इससे प्रतिभावान बच्चों को आगे बढऩे में काफी मदद मिलेगी। परिषद का यह प्रयास प्रशंसनीय है।
-स्वर्ण कमल साहा, विधायक
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…ताकि श्रमिकों के बच्चे बन सकें स्तरीय खिलाड़ी
प्रथम बार राज्य स्तर की यह प्रतियोगिता परिषद की ओर से आयोजित की गई है। मुख्य उद्देश्य प्रतिभावान खिलाडिय़ों को मंच प्रदान करना है ताकि वे राष्ट्रीय स्तर पर दस्तक देने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बन सकें। प्रतियोगिता के विभिन्न खेलों में चैंपियन होनेवाले खिलाडिय़ों को अनुदान देकर बेहतरीन प्रशीक्षण की व्यवस्था करना हमारा उद्देश्य है।
-समीर कुमार बसु, कमिश्नर पश्चिम बंग श्रमिक कल्याण परिषद