डॉ.आशीष मुखोपाध्याय किए गए सम्मानित
सम्मेलन में मेडे विजन की ओर से रियल हीरो का सम्मान राज्यपाल के हाथों नेताजी सुभाष चंद्र बोस कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट के चिकित्सा निदेशक डॉ. आशीष मुखर्जी को दिया गया। डॉ. मुखर्जी ने गरिया में कैंसर का एक अस्पताल खोला। यह एक छत के नीचे सर्जरी, रेडियोथेरेपी के साथ-साथ सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के आधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं। राज्यपाल ने उन्हें सपरिवार राजभवन मेंआने का न्यौता दिया व कहा कि उनके योगदान के सामने हम सब कुछ नहीं है।
सम्मेलन में मेडे विजन की ओर से रियल हीरो का सम्मान राज्यपाल के हाथों नेताजी सुभाष चंद्र बोस कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट के चिकित्सा निदेशक डॉ. आशीष मुखर्जी को दिया गया। डॉ. मुखर्जी ने गरिया में कैंसर का एक अस्पताल खोला। यह एक छत के नीचे सर्जरी, रेडियोथेरेपी के साथ-साथ सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के आधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं। राज्यपाल ने उन्हें सपरिवार राजभवन मेंआने का न्यौता दिया व कहा कि उनके योगदान के सामने हम सब कुछ नहीं है।
बेदाग होती है डॉक्टर की सेवा पेशे से वकील रहे राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि आप जानते है कि वकील के कोट काले क्यों व डॉक्टर के कोट सफेद क्यों होते हैं। डॉक्टर क ी सेवा बेदाग होती है। इसलिए ईश्वर के बाद डॉक्टर का नाम आता है। आज तक मैने कभी ऐसा डॉक्टर नहीं देखा जिसने मरीज के प्रति करूणा व प्रेम न हो।