पश्चिम बंगाल सरकार ने इराक के मोसुल में आतंकी संगठन आईएसआई के हाथों मारे गए नदिया जिला निवासी खोकन सिकदर एवं समर टिकादार के आश्रित को 5-5 लाख रुपए मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का निर्णय किया है। राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों से मंगलवार को सम्पर्क किया गया। सूत्रों के अनुसार सरकार की ओर से उन्हें पांच लाख रुपए का मुआवजा एवं परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी समेत हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने मोसुल में मारे गए सभी भारतीय नागरिकों के परिजनों को १०-१० लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है।
—– वर्ष 2011 में रोजी -रोटी कमान गए थे इराक नदिया जिले के तेहट्ट थाना क्षेत्र के इलिशमारी गांव निवासी खोकन सिकदर और चापड़ा थाना क्षेत्र के महाखोला गांव निवासी समर दोनों वर्ष 2011 में रोजी-रोटी कमाने इराक गए हुए थे। 2014 में आतंकी संगठन आईएसआई के आतंकियों ने खोकन और समर समेत ३९ भारतीय नागरिकों की हत्या कर दी थी। वर्ष 2014 के जून महीने में अंतिम बार उनकी परिजनों से बातचीत हुई थी।
——- शव देख बिलख पड़े परिजन सोमवार को वायुसेना के विमान से खोकन और समर के शव को कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर लाया गया। नदिया जिले के उप कलक्टर पार्थ प्रतीम सरकार को शव सौंपे गए। राज्य के तकनीकी शिक्षा मंत्री मंत्री पूर्णेन्दु बसु भी मौजूद थे। मंगलवार को शव को उनके पैतृक गांव ले जाया गया। शव देख परिजन फूट-फूट कर रो पड़े। मुआवजे को लेकर मृतकों के परिजनों ने स्थानीय लोगों के शवों के साथ विरोध-प्रदर्शन किया। फिर राज्य सरकार ने मुआवजा देने का आश्वासन दिया। इसके बादशव की अंत्येष्टि की गई।